काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने मंगलवार को त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में अस्पताल के प्रतिनिधियों को मंगलादेवी बर्थिंग (मातृत्व) सेंटर सौंपा। यह केंद्र नेपाल में उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाओं (एचआईसीडीपी) के कार्यान्वयन के 20 वर्ष पूर्ण होने पर नेपाल को सौंपा गया।
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नेपाल-भारत विकास सहयोग ढांचे के तहत केंद्र का निर्माण 44.04 मिलियन रुपये की वित्तीय सहायता से हुआ है। भारतीय दूतावास के अनुसार स्वास्थ्य केंद्र नेपाली वित्त मंत्री डॉ. प्रकाश शरण महत संघीय मामलों और सामान्य प्रशासन मंत्री अनीता देवी और नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव द्वारा सौंपा गया।
इस अवसर पर बैतडी और मस्तंग जिलों में लागू की जाने वाली 130 मिलियन रुपये की तीन और एचआईसीडीपी के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। नेपाली वित्त मंत्री ने नेपाल में विकास बुनियादी ढांचे के निर्माण में निरंतर समर्थन के लिए भारत को धन्यवाद दिया।
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राजदूत श्रीवास्तव ने कहा पिछले दो दशकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क एवं पुल, रिवर ट्रेनिंग, पेयजल सहित विभिन्न क्षेत्रों में इस ढांचे के तहत लगभग 550 परियोजनाएं शुरू हुई हैं, जिनमें से 480 पूरी हो चुकी हैं और बाकी चल रही हैं।भारतीय उच्चायोग ने एक्स पर लिखा एचआईसीडीपी के 20 वर्ष नेपाल के साथ भारत के विकास सहयोग के 70 से अधिक वर्षों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं। 77 जिलों में 550 परियोजनाओं ने नेपाल में लोगों के लिए जमीनी स्तर पर जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे को महत्वपूर्ण रूप से जोड़ा है।
भारत सरकार स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा, ऊर्जा और बुनियादी ढांचा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नेपाल की सहायता के लिए विशेष योगदान देती है। नेपाल-भारत के बीच द्विपक्षीय समझौते के माध्यम से 7 नवंबर 2003 को एचआईसीडीपी लॉन्च किया गया था।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी