मुरादाबाद। सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क-इनफ्लिबनेट के वैज्ञानिक हितेश सोलंकी ने एप्लीकेशन ऑफ स्टेटिकल टूल इन रिसर्च पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज प्रत्येक शोधार्थी के लिए रिसर्च टूल्स की जानकारी होना आवश्यक हैं। उन्होंने बताया, यह रिसर्च टूल्स में किसी शोध कार्य को करने में प्रयोग होने वाले सांख्यिकीय तरीकों में प्लानिंग, डिजाइजिंग, डेटा कलेक्शन, विश्लेषण, सार्थक व्याख्या और शोध निष्कर्षो की रिपोर्टिंग करना शामिल हैं।
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सांख्यिकीय विश्लेषण अर्थहीन संख्याओं को अर्थ देता है, जिससे शोध डेटा में जान आ जाती हैै। सांख्यिकीय के टूल्स सटीकता, पूर्वाग्रह और परिशुद्वता को मापने में मदद करते हैं और यह निर्धारित करने के लिए डेटा की तुलना करते हैं कि चर के बीच महत्वपूर्ण अंतर या संबंध हैं अथवा नहीं। इसके अतिरिक्त सांख्यिकीय उपकरणों का उपयोग डेटा का विश्लेषण और व्याख्या करने, डेटा को सरल और व्यवस्थित करने और विश्लेषण के वस्तुनिष्ठ अनुमान प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।
श्री सोलंकी तीर्थकर महावीर विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय, आईक्यूएसी, आईआईसी, और आरएंडडी विभागों की ओर से एप्लीकेशन ऑफ स्टेटिकल टूल इन रिसर्च पर आयोजित आर्थर टॉक सीरीज में बतौर मुख्य वक्ता ऑनलाइन बोल रहे थे। ब्लेंडेड मोड में आयोजित आर्थर टाक सीरीज के शुभारम्भ मौके पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ आदित्य शर्मा, डीन एकेडमिक्स प्रो मंजुला जैन, लॉ कॉलेज के डीन प्रो हरबंश दीक्षित आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही।
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वैज्ञानिक हितेश बोले, इन रिसर्च टूल्सों का सही तरीके से उपयोग करके हम अनुसंधान क्षेत्र में उत्कृष्टता की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। उन्होंने सुनिश्चित किया कि अनुसंधानकर्ताओं को इस तकनीक के सही उपयोग के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान किया जाए। आर्थर टॉक सीरीज में श्री सोलंकी ने अनेक उदाहरणों के साथ व्याख्यान को बहुत ही सरल भाषा में समझाया और रिसर्च टूल्स तकनीकों के प्रभाव को साझा किया। लॉ कालेेज के डीन प्रोफेसर हरबंश दीक्षित ने आर्थर टॉक को रिसर्च के क्षेत्र में कार्य कर रहे शोधाार्थियों के लिए अत्यन्त उपयोगी बताया।
विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्षा डॉ विनीता जैन ने आर्थर टॉक सीरीज में सभी विद्वानों और शोधार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जय विज्ञान, जय अनुसंधान का नारा दिया है। इसी संदर्भ में तीर्थकर महावीर यूनिवर्सिटी कदम से कदम मिला कर चल रही है। ज्वाइंट रजिस्ट्रार रिसर्च एंड डवलपमेन्ट और कार्यक्रम सहसंयोजिका डॉ ज्योति पुरी ने सभी विद्वानों और शोधार्थियों का आभार व्यक्त किया।
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आर्थर टाक सीरीज में लॉ प्रिसिंपल प्रो सुशील कुमार सिंह, नर्सिंग प्रिसिपल डॉ पूनम शर्मा, उप पुस्तकालयध्यक्ष डॉ संजीव कुमार, डॉ आलोक कुमार गुप्ता, पवित्र कुमार त्यागी, महेश सिंह, विपिन कुमार, पंकज कुमार, विनोद शुक्ला, इंतखाब, कमल कुमार के संग-संग देश के विभिन्न प्रांतों जैसे-उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, गुजरात, मध्य प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, दिल्ली आदि के लगभग 200 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। संचालन डॉ विनीता जैन ने किया।