लखनऊ विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री उच्च शिक्षा अभियान के तहत मंजूर हुई 100 करोड़ की ग्रांट मंजूर हुई है। कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने इसके लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का आभार व्यक्त किया।
कुलपति, विश्वविद्यालय के अध्यापकों और अधिकारियों ने राजभवन में राज्यपाल को अंगवस्त्र, समृति चिह्न एवं पुष्प भेंट कर सम्मानित किया।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को प्राप्त ग्रांट का बेहतर उपयोग करने, नैक के अनुरूप विश्वविद्यालय को सुदृढ़ करने और निरंतर गुणवत्ता सुधार करने हेतु व्यय निर्धारण पर ध्यान देने को कहा।
उन्होंने विश्वविद्यालय को प्राप्त धन का बुद्धिमत्तापूर्ण उपयोग करने पर विशेष जोर दिया और कहा कि विश्वविद्यालय के आवश्यक निर्माण कार्यों और सुविधाओं के विकास के लिए बड़ी संस्थाओें के सीएसआर फंड से धन प्राप्त करने का प्रयास करें।
उन्होंने धनराशि के बेहतर उपयोग के लिए योजना बनाकर कार्य करने पर जोर दिया। इस दिशा में उन्होंने चिकित्सा संस्थानों द्वारा मंहगें उपकरण किराए पर लेकर उपयोग करने, पैथोलॉजी लैब को किराए पर देकर रेवेन्यु जेनरेट कराने के अपने कार्यकाल के पूर्व अनुभवों को भी साझा किया।
इसी क्रम में उन्होंने विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की कार्य क्षमताओं की समीक्षा करने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कर्मचारी हित में समय से मिलने वाले प्रमोशन में समय हानि न होने देने हेतु अपनी कार्य-प्रणाली और दृढ़ता से कार्य करने के अनुभव भी साझा किए।
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कुलपति ने जानकारी दी की मंजूर हुई 100 करोड़ की ग्रांट को पांच सालों में उपयोग किया जा सकेगा, जिसका 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा तथा 40 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा।
उन्होंने राज्यपाल से ग्रांट के उपयोग पर भी विचार साझा किए, जिसमें मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन सिस्टम, लाइब्रेरी में वाई-फाई सुविधा, लेक्चर थियेटर काम्पलेक्स जैसी विश्व स्तरीय सुविधाओं के विकास की चर्चाएं की।