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घायलों ने जुबानी भयावह मंजर की कहानी…बर्फ का तूफान आया और कंटेनरों को बहाकर ले गया

चमोली:  उत्तराखंड के चमोली जिले में चीन सीमा पर हुई हिमस्खलन की घटना ने सबको झकझोर दिया। यहां सीमा पर बीआरओ के 54 श्रमिक थे जो हिमस्खलन की चपेट में आए। इसमें से 54 को निकाला गया, जिसमें सात मृतक हैं। वहीं, एक की तलाश अब भी जारी है। घायलों को जोर्तिमठ सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

हादसे में जीवित बचे विजय पांडे ने कहा, हम कंटेनर में थे जब हिमस्खलन हुआ और यह कंटेनर को बहा ले गया। हमने खुद को बर्फ में पाया। हम में से नौ लोग कंटेनर में थे, उनमें से चार यहां भर्ती हैं।

अन्य घायल मनोज भंडारी ने बताया कि यह इतना अचानक हुआ कि हमें कुछ पता ही नहीं चला। हमारे सभी कंटेनर नष्ट हो गए, क्योंकि यह एक भारी तूफान था। एक घायल ने बताया कि जब तूफान आया तो हम लोडर लेकर भागे। बर्फ आगे से हटती जा रही थी। हम भागते जा रहे थे। तब सेना के जवान आए और हमें वहां से निकाला।

पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि एक श्रमिक अभी भी लापता है। भारतीय सेना उसी के लिए बचाव अभियान पर है। अब सर्च ऑपरेशन में ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट ब्यूरिड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा।

तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू टीम के दो कर्मी और हिमस्खलन बचाव डॉग, रॉबिन भी तैनात है। हमारे पास सेना, वायु सेना और नागरिक हेलीकॉप्टर हैं जो बचाव अभियान में लगे हैं। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि मौसम ने हमारा साथ दिया है। सात लोगों की जान चली गई है। एक की तलाश की जा रही है।

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