अमरीका व चाइना के बीच प्रारम्भ हो चुके ट्रेड वॉर को समाप्त करने की दिशा में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व चीनी राष्ट्रपति ने ओसाका में सहमति जताई. जापान के ओसाका में G20 शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बातचीत के दौरान ट्रंप व शी इस बात पर सहमत हुए की अमरीका व चाइना को एक साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए.हालांकि ट्रेड वॉर समाप्त करने की दिशा में बढ़ते कदम को कुछ विशेषज्ञ संदेह की निगाह से देख रहे हैं. दोनों राष्ट्रों के आर्थिक विशेषज्ञों को संशय है कि ये दो महाशक्तियों के बीच चल रही विवाद इतनी जल्दी समाप्त हो जाएगी.
Donald Trump का यू-टर्न? कहा- अमरीकी कंपनियां Huawei को बेच सकती हैं अपनी तकनीक
बता दें कि चाइना व अमरीका ने एक-दूसरे के उत्पादों के आयात शुल्क यानी टैरिफ में भारी इजाफा किया है. इसको लेकर दोनों राष्ट्रों के बीच दूरियां बढ़ गई है. हालांकि ट्रंप व शी ने मिलकर इस दूरी को समाप्त करने पर सहमति जताई.
लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह बोला जा सकता है कि अमरीका व चाइना के संबंध सामान्य होने में बहुत ज्यादा लंबा वक्त लगेगा. क्योंकि दोनों के बीच अविश्वास व कई मामलों पर टकराव है.
Huawei को मिली मंजूरी
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चाइना की टॉप टेलिकॉम कंपनी Huawei पर लगे बैन को हटाने की घोषणा की है. अब अमरीका में एक बार फिर से Huawei अमरीकी कंपनियों के साथ मिलकर कार्य कर सकता है. इसके अतिरिक्त Huawei अपने उत्पादों को अमरीका में बेच सकता है.
अमरीका द्वारा Huawei पर प्रतिबंध लगाने के बाद से कई अमरीकी कंपनियां Huawei के साथ कोई व्यवसाय करने में असमर्थ थीं. मौजूदा समय में Huawei संसार में दूसरा सबसे बड़ा Smart Phone निर्माता कंपनी है.
डोनाल्ड ट्रंप का मानना था कि Huawei के कारण अमरीकी कंपनियों को बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसिलए उन्होंने Huawei के उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के साथ ही कई प्रतिबंध लगा दिए थे.
हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ता तनाव
हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते चीनी असर को रोकने के लिए अमरीका प्रयास कर रहा है. अमरीका का मानना है कि चाइना हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में अनाधिकृत तौर पर अपना वर्चस्व बढ़ा रहा है. इसलिए अमरीका भारत, श्रीलंका और अन्य राष्ट्रों के साथ मिलकर चाइना को निर्बल करना चाहता है.
चीन हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में अमरीका की मौजूदगी को लेकर हमेशा से चिंता जाहिर करता रहा है. चाइना नहीं चाहता है कि अमरीका इस क्षेत्र में कोई दखल दे. क्योंकि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के जरिए चाइना आर्थिक मजबूती के साथ एक महाशक्ति बनने की ओर कदम बढ़ना चाहता है.
अमरीका ने BRI का किया विरोध
चीन की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव ( BRI ) को लेकर अमरीका खासा नाराज है. इसको लेकर अमरीका ने आलोचना की है. हाल ही हिंदुस्तान भ्रमण पर आए अमरीका विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने BRI पर टिप्पणी करते हुए तीखी आलोचना की.
इसपर चाइना ने माइक पोम्पियो के बयान पर रिएक्शन देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने बोला ‘वह नहीं जानते कि पोम्पियो किसी जादू या किसी व वस्तु के असर में हैं या नहीं, लेकिन वह जहां भी जाते हैं BRI के बारे में जरूर बात करते हैं.’