लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा राजधानी में फैले हुये प्रदूषण का संज्ञान लेना जितना आवश्यक था। उससे कहीं अधिक इसी राजधानी में फैले हुये डेंगू के प्रकोप के लिए भी आवश्यक था जो कि लगभग 1 सप्ताह पहले ही होना चाहिए था। एक सप्ताह के अन्तर्गत लगभग 1 हजार मरीज सरकारी अस्पतालों में और हजारों मरीज प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती हैं और कई काल के गाल में भी समा गये हैं।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि हो सकता है कि मुख्यमंत्री जी की दृष्टि में यह डेंगू भी पाकिस्तान से आ गया हो और इसको भी पाकिस्तानी आतंकवाद की गिनती में रखना चाहते हैं लेकिन यदि ऐसा भी है तो डेंगू का संज्ञान लेना और अधिक आवश्यक था जिसमें प्रथम दृष्टया स्वास्थ्य मंत्री गुनहगार हैं और राजधानी के स्वास्थ विभाग के सभी अधिकारी लापरवाही के परिचायक हैं। 2017 से प्रदेश सरकार का गठन होने के पश्चात लगातार स्वास्थ विभाग की कारगुजारी पर प्रश्नचिन्ह लगते रहे हैं परन्तु स्वास्थ मंत्री की अनदेखी के कारण विभाग स्वयं में लगातार बीमार होता चला गया और स्थिति यहां तक हो गयी कि सरकारी अस्पतालों में बुखार जैसी बीमारी की दवाओं का टोंटा होने लगा।
रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश का वास्तविक विकास स्वास्थ और शिक्षा विभाग के द्वारा ही सम्भव है और प्रदेश सरकार इन दोनों ही मोर्चो पर लगातार विफल होती चली गयी है और योगी जी प्रदेश की जनता को केवल धार्मिक पक्ष में मोड़कर विकास समझाने में व्यस्त होते चले गये और यही विसंगति अब भी चल रही है। यही कारण है कि प्रदेश शिक्षा की दृष्टि से पंगु होता जा रहा है और स्वास्थ की दृष्टि से बीमारियां दूर करने की बजाय विभाग स्वयं बीमार होता चला जा रहा है।