एक तरफ देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर माहौल गर्माया हुआ है। वहीं दूसरी ओर अन्य देश भी इसपर अपनी पैनी नजर रखे हुए हैं। जहां पाकिस्तान इससे बौखलाया हुआ है, वहीं कई देशों ने भारत में जानेवाले अपने देशवासियों को एडवायजरी भी जारी की है। इसी बीच अमेरिका ने भी इस एक्ट को लेकर एक बयान जारी किया है। अमेरिका ने कहा कि ‘हम भारतीय लोकतंत्र का सम्मान करते हैं।’
भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता के समापन पर कहा अमेरिकी विदेश सचिव माइक पोम्पियो ने कहा,’हम हर देश के अल्पसंख्यकों और धार्मिक अधिकारों की रक्षा की परवाह करते हैं। हम भारतीय लोकतंत्र का सम्मान करते हैं।’ उन्होंने कहा कि, ‘भारत में इस वक्त CAA चर्चा का विषय बना हुआ है। यह कानून अदालतों द्वारा रिव्यू किया जा रहा है। कुछ राजनीतिक दल इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बारे में मीडिया भी सुर्खियां बना रहीं हैं। यह सभी संगठन एक लोकतांत्रिक भारत का हिस्सा हैं और हम उसका सम्मान करते हैं।’
बुधवार को पोम्पिओ ने रक्षा सचिव मार्क ओशो के साथ अपने भारतीय समकक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संग वार्ता की मेजबानी की थी। इसी दौरान उनसे नागरिकता संशोधन अधिनियम से संबंधित सवाल किया गया। पोम्पियो से पूछा गया ‘अमेरिका दुनियाभर में धार्मिक अधिकारों का एक मुखर समर्थक है। क्या आपको लगता है कि लोकतंत्र में नागरिकता के लिए एक निर्धारित मानदंड के रूप में विश्वास का उपयोग करना उचित है।’
हालांकि, इस सवाल का जवाब में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी दिया। उन्होंने कहा, ‘आपने भारत से संबंधित सवाल किया था। अगर आपने उस विशेष कानून पर हो रही पूरी बहस को फॉलो किया है तो आप जानेंगे कि यह कानून एक ऐसा तरीका है, जो कुछ देशों में प्रताड़ित हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है।’