पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीर का राग अलापने लगा है, जबकि कुछ दिन पहले ही उसको इसी मसले पर मुंह की कहानी पड़ी थी. आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने की गुहार लगाई। जिसके बाद इमरान सरकार अपने देश में चर्चा का विषय बना हुआ है.
आपको बता दें कि पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि कश्मीर मसले के हल के बिना वह भारत के साथ शांति प्रक्रिया के लिए तैयार नहीं हैं. वहीं कुरैशी ने गुरुवार (16 जनवरी) को अमेरिका में सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) थिंक टैंक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत के साथ शांति के लिए वह कोई भी कीमत चुकाने को तैयार नहीं हैं, कश्मीर मुद्दे को न्यायोचित ढंग से हल किए बगैर तो बिल्कुल भी नहीं।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के भारत के पांच अगस्त के फैसले के बाद से भारत-पाक में संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं।वहीँ आपको बता दें कि पाकिस्तान इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिश करता रहा है, लेकिन उसे हर जगह से नाकामी हाथ लगी है।
ज्ञात हो कि इस मामले में वॉशिंगटन डीसी की अपनी दो दिवसीय यात्रा में कुरैशी अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन से शुक्रवाको मिले।
बता दें कि पाक पांच फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस मनाएगा : इमरान सरकार ने इस बार पाकिस्तान में पांच फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस मनाने का फैसला किया है। इस दिन देशभर में अवकाश रहेगा।