नई दिल्ली/लुक. यूपी सरकार की ओर से जेवर एयरपोर्ट को मंजूरी के बाद शनिवार को केंद्र सरकार ने भी इसको हरी झंडी दिखा दी है। सरकार ने ग्रेटर नोएडा में तैयार हो रहे आधुनिक जेवर एयरपोर्ट को मंजूरी दे दी है।
एनसीआर का दूसरा एयरपोर्ट:
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि ग्रेटर नोएडा के जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए अनुमति दे दी है। यह देश का पहला सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय कार्गो हब भी बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनुमति देने पर आभार जताया है।
सिद्धार्थनाथ सिंह शनिवार को लखनऊ में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही एक-दो दिन में सौ दिनों की उपलब्धियों पर श्वेत पत्र जारी करेगी। इसमें चुनौतियों का भी जिक्र होगा। यूपी सरकार ने अप्रैल में ही इसे हरी झंडी दे दी थी। यह एयरपोर्ट केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा का ड्रीम प्रोजेक्ट है। मेट्रो प्रोजेक्टस का काम भी जोरों पर चल रहा है।
5000 हे0 पर बनेगा एयरपोर्ट:
ऑथोरिटी ने एयरपोर्ट के लिए जेवर एरिया के 30 से अधिक गांवों की 5 हजार हेक्टर जमीन आरक्षित की है। एयरपोर्ट की दस्तक होते ही यमुना ऑथोरिटी मेट्रो प्रोजेक्ट्स पर काम तेज कर रही है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्स्प्रेस वे के जीरो प्वाइंट से जेवर के लिए मेट्रो की कनेक्टिविटी रहेगी।
दिल्ली एयरपोर्ट का भार होगा कम:
दिल्ली हवाईअड्डे से जेवर एयरपोर्ट की दूरी 88 किलोमीटर है। एयरपोर्ट नियमों के मुताबिक दो एयरपोर्ट के बीच 150 किलोमीटर की दूरी होना आवश्यक है लेकिन विशेष परिस्थितियों में इसमें रियायत दी जा सकती है। जेवर एयरपोर्ट बन जाने से दिल्ली एयरपोर्ट से यात्रियों का भार भी कम किया जा सकेगा। एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली एयरपोर्ट की मौजूदा क्षमता 6.2 करोड़ यात्रियों की है और अभी इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल 5 करोड़ यात्री कर रहे हैं। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। जेवर एयरपोर्ट बन जाने से इसमें काफी राहत मिलने के आसार हैं।
बढ़ रही थी विमानों की संख्या:
दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्री की संख्या को देखते हुए कंपनियों ने विमान की संख्या में इजाफा किया है। इस समय हर घंटे दिल्ली एयरपोर्ट से करीब 67 विमानों की आवाजाही होती है, जिस अलगे कुछ सालों में 95 तक करने पर विचार किया जा रहा है। ऐसे में इन विमानों को जगह देने के लिए नए टर्मिनल को भी तैयार करना होगा। ऐसे में दिल्ली एयरपोर्ट के पास ही अगर जेवर एयरपोर्ट की सुविधा होगी तो विमानों की आवाजाही को सुगम बनाया जा सकेगा।
कई जिलों को होगा फायदा:
जेवर एयरपोर्ट के बन जाने से न केवल दिल्ली और नोएडा को फायदा होगा बल्कि इसके बनने से नोएडा के करीब 150 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गाजियाबाद, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा, मेरठ, बरेली, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बागपत, हाथरस और अलीगढ़ जैसे कई शहरों को सीधा फायदा होगा। इन जिलों के अलावा यूपी-हरियाणा के कई दूसरे जिलों के लिए भी जेवर एयरपोर्ट दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के विकल्प के तौर पर उभरेगा।