उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे की जो रिपोर्ट सामने आयी है वो वाकई में डराने वाली है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 18,021 नए कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। वहीं, 85 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। इसी बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार करने का निर्देश दिया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना से ज्यादा प्रभावित नगरों में दो या तीन हफ्ते के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार करे। इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 19 अप्रैल को सचिव से हलफनामा मांगा है।
गौरतलब है कोरोना से अत्यधिक प्रभावित शहरों में लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर शामिल हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि ट्रैकिंग, टेस्टिंग व ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाई जाए। खुले मैदानों में अस्थायी अस्पताल बनाकर कोरोना पीड़ितों के इलाज की व्यवस्था की जाए। जरूरी हो तो संविदा पर स्टाफ तैनात किए जाएं। अदालत ने कहा,की सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के दिखाई न दे अन्यथा कोर्ट पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करेगी। कोर्ट ने कहा कि सामाजिक, धार्मिक आयोजनों में 50 व्यक्ति से अधिक न इकट्ठा हों।
जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश कोरोना मामले को लेकर कायम जनहित याचिका पर दिया है। अदालत ने कहा कि, नाइट कर्फ्यू या कोरोना कर्फ्यू संक्रमण फैलाव रोकने के छोटे कदम हैं। ये नाइट पार्टी, नवरात्रि या रमजान में धार्मिक भीड़ तक सीमित है। हाईकोर्ट ने कहा कि, नदी में जब तूफान आता है तो बांध उसे रोक नहीं पाते। फिर भी हमें कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रयास करने चाहिए। कोर्ट ने कहा कि, दिन में भी गैर जरूरी यातायात को नियंत्रित किया जाए। जीवन रहेगा तो दोबारा स्वास्थ्य ले सकेंगे, अर्थ व्यवस्था भी दुरुस्त हो जाएगी।
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उच्च न्यायालय ने कहा कि, विकास व्यक्तियों के लिए है। जब आदमी ही नहीं रहेंगे तो विकास का क्या अर्थ रह जाएगा। संक्रमण फैले एक साल बीत रहे हैं, लेकिन इलाज की सुविधाओं को बढ़ाया नहीं जा सका। कोर्ट ने राज्य सरकार की 11 अप्रैल की गाइडलाइंस का सभी जिला प्रशासन को कड़ाई से अमल में लाने का निर्देश दिया है। अदालत ने 19 अप्रैल को डीएम व सीएमओ प्रयागराज को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कंटेनमेंट जोन को अपडेट करने और रैपिड फोर्स को चौकन्ना रहने का भी निर्देश दिया है।
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कोर्ट ने कहा कि, हर 48 घंटे में जोन का सैनिटाइजेशन किया जाए। यूपी बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षा दे रहे छात्रों की जांच करने पर बल दिया जाए। हाईकोर्ट ने एसपीजीआइ लखनऊ की तरह स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में कोरोना आइसीयू बढ़ाने व सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य व केंद्र सरकार को एंटी वायरल दवाओं का उत्पाद व आपूर्ति बढ़ाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने जरूरी दवाओं की जमाखोरी करने या ब्लैक मार्केटिंग करने वालों पर सख्ती करने का भी निर्देश दिया है।