सेवा पखवाड़े के दौरान टीबी रोगियों को गोद लेकर बांटी गई पोषण किट
औरैया। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चलाये जा रहे ‘टीबी मुक्त भारत अभियान’ के अंतर्गत सेवा पखवाड़े में टीबी मरीजों को गोद लेने का कार्यक्रम जिला मुख्यालय, ककोर में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद गीता शाक्य ने कहा की समाज का कोई भी सक्षम व्यक्ति जरूरदमंद टीबी मरीज को गोद लेकर उन्हें इस बीमारी से छुटकारा दिलाने में अपनी भूमिका अदा कर सकता है। ऐसे व्यक्ति को बस मरीज के इलाज के दौरान उसके सही पोषण का ख्याल रखना होगा। इस दौरान जिलाधिकारी महोदय, मुख्य विकास अधिकारी और अपर जिलाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारियों ने 20 क्षय रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण किट वितरित की।
जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि टीबी मरीजों को शासन की ओर से निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए दिए जाते हैं। अगर सक्षम लोग मरीजों को गोद लेकर उनके उच्च पोषण का जिम्मा उठाते हैं तो इससे मरीज और भी जल्दी इस बीमारी से उबर सकता है। इसके लिए निक्षय मित्र बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन घरों में क्षय रोगी है, उनके घर और परिवार वाले भी क्षय रोग की जांच जरूर करवा लें।
समय से इलाज से टीबी का खात्मा किया जा सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने कहा की टीबी रोगी को उपचार की अवधि तक निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत 500 रुपये प्रतिमाह की राशि दी जाती है। रोगियों की उचित देखभाल के लिए उन्हें सरकारी विभागों, सामाजिक संस्थाओं व अन्य समाजसेवियों को गोद दिया जा रहा है। गोद लेने वाले अधिकारी, व्यक्ति रोगियों को हर पंद्रह दिन या एक माह पर पोषण किट उपलब्ध कराते हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अशोक राय ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की ओर से विशेष मुहिम चलाई जा रही है। इस मुहिम में स्वास्थ्य विभाग के साथ सामाजिक संस्थाएं भी भागीदारीनिभा रही है। जिस तरह संस्थाएं आगे आकर क्षय रोगियों को गोद ले रहे है, उससे उन्हें विश्वास है कि जल्द हम देश को टीबी मुक्त कर पाएंगे।
टीबी अस्पताल में तैनात जिला समन्वयक श्याम कुमार ने बताया कि टीबी की बीमारी सही समय से सही इलाज से ठीक हो सकती है। टीबी के लक्षण आने पर जल्द इलाज शुरू कराए।
उन्होंने बताया कि दो हफ्ते तक खांसी, बुखार, रात में पसीना आना, भूख न लगना और लगातार वजन में गिरावट होना टीबी के प्रमुख लक्षण है ऐसे लक्षण होने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल में जाकर टीबी की जांच कराकर चिकित्सक के निर्देशानुसार पूरा इलाज लें। इस दौरान ने बताया कि 1500 मरीज उपाचाराधीन है।
गोद लेने पर खुशी जताई
शहर के एक मोहल्ला निवासी सोनल विष्नोई ने बताया कि उसे कुछ दिन से बुखार आ रहा था। जब उसने टीबी अस्पताल में जांच कराई तो उसे लंग्स में पानी बताया गया। जांच में टीबी निकली। आज समारोह के दौरान उन्हें गोद लिया गया है। अच्छा लगा।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर