लखनऊ। सर्जरी के क्षेत्र में नया आयाम गठित करते हुए अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल कठिन से कठिन सर्जरी को सफलतापूर्वक कर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। एक बार फिर यहां के अनुभवी डॉक्टरों की टीम ने जागते हुए मरीज की एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी कर इतिहास रच दिया है।
मरीज की पूर्ण चेतना अवस्था में की जाने वाली यह सर्जरी तकनीकी रूप से बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण होती है। इसमें रोगी न केवल जगता रहता है बल्कि पूरे सर्जरी के समय बात भी कर सकता है। उसे किसी भी प्रकार के दर्द का एहसास नहीं होता, लेकिन वह अपने आस-पास होने वाली गतिविधियों के प्रति जागरूक होता है। यह पूरे उत्तर भारत की पहली एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट अवेक सर्जरी है जो लखनऊ के अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल द्वारा की गयी।
उत्तर प्रदेश गोंडा निवासी 28 वर्षीय अब्दुल कलाम गंभीर एओर्टिक रेगुरगिटेशन एल. वी डिसफंक्शन (एलवीईएफ- 48%) के साथ साथ जटिल प्रकार के हृदय रोगों से भी पीड़ित थे। अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ सलाहकार व सर्जन सीटीवीएस डॉ. विजयंत देवनराज ने बताया कि मरीज को 2 साल से अधिक समय से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। यह एक गंभीर स्वास रोग था। साथ ही सीने में दर्द, अपच, भूख न लगना, वजन कम होना, आरएचडी गंभीर, एआर माइल्ड, एमआर माइल्ड, एलवीईएफ-48%, सीएक्स -आर- बढ़े हुए हृदय (कार्डियोमेगाली) से संबंधित सीने में दर्द यह सभी मरीज में लक्षण पाए गए। एओर्टिक वाल्व प्रतिस्थापन सर्जरी द्वारा मरीज का सफल इलाज किया गया। उन्हें इंटुबैट नहीं किया गया और न ही वेंटिलेशन पर रखा गया।
2 घंटे तक चली सर्जरी के लिए कोई हृदय संबंधी दवाएं उपयोग में नहीं लाई गयी और ना ही किसी भी प्रकार से रक्त आधान की आवश्यकता हुई। मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हैं और वह अपने गाँव में अपने खुद का व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहे हैं।