मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में व्यापक आरोग्य मेले आयोजित करने की कार्ययोजना बनाई थी। इसके माध्यम से निर्धन व ग्रामीणों तक स्वाथ्य सेवा पहुंचाने का कार्यक्रम बनाया गया था। कोरोना से पहले इस कार्ययोजना का प्रभावी व व्यापक संचालन किया जा रहा था।
योगी आदित्यनाथ ने अनेक स्वास्थ्य मेलों में जाकर उनकी व्यवस्था का निरीक्षण किया था। कोरोना के कारण आरोग्य मेलों को स्थगित करना पड़ा था। अनलॉक की स्थिति में सरकार एक बार फिर आरोग्य मेलों की शुरुआत पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने इस संबन्ध में अधिकारियों को निर्देशित किया है। कहा कि कोविड के पूर्व प्रदेश में सफलतापूर्वक आरोग्य मेले आयोजित किये जा रहे थे। इन आरोग्य मेलों को पुनः प्रारम्भ करने पर विचार किया जाए। आरोग्य मेले प्रत्येक रविवार को आयोजित किये जाए, इससे अधिक से अधिक व्यक्ति आरोग्य मेलों का लाभ उठा सकेंगे।आरोग्य मेलों के साथ टीकाकरण अभियान को भी जोड़ा जाना चाहिए।
इसके अलावा आरोग्य मेलों के अवसर पर कोविड का एण्टीजन टेस्ट कराये जाने की व्यवस्था भी की जाए।यह कोविड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने तथा राजकीय स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति जनविश्वास अर्जित करने का अवसर है। इस अवसर पर का लाभ उठाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त मात्रा में धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है। इसमें जनसहयोग भी प्राप्त हो रहा है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेहतर अन्तर्विभागीय समन्वय से प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की सफलता कई गुना बढ़ सकती है। प्रदेश में संचारी रोगों के नियंत्रण में अन्तर्विभागीय समन्वय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। तीन वर्ष के प्रयासों से पहले की तुलना में वर्तमान में संचारी रोगों से होेने वाली मृत्यु में लगभग पंचानबे प्रतिशत की कमी आयी है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन में जनजागरूकता की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए योजनाबद्ध ढंग से कार्यक्रमों के प्रचार प्रसार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इंसेफेलाइटिस के नियंत्रण से यह तथ्य प्रमाणित हुआ है।