रायबरेली। जिले की ठंडी राजनीति का तापमान आज देर रात उस वक्त बढ़ गया जब बीजेपी एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह और हरचंदपुर विधायक राकेश सिंह के बड़े भाई गणेश सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने लगा। जिसमें जिले के दोनों माननीयों के भाई गणेश सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह की कुर्सी बचाने के लिए किसी भी विरोधी जिला पंचायत सदस्य को रायबरेली न पहुँचने की बात कह रहे हैं। इतना ही नहीं एमएलसी के भाई के भाई दावा भी कर रहे हैं कि इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिले के डीएम और एसपी को निर्देश भी दिए हैं।
वायरल से वीडियो से मचा हड़कंप
जिले से सांसद और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी के इस्तीफे की अटकलों के बीच आज देर शाम जिले की राजनीति को गर्मा देने वाला वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ। जिसमें बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके एमएलसी दिनेश सिंह के बड़े भाई गणेश सिंह अपने जिला पंचायत अध्यक्ष भाई अवधेश सिंह की कुर्सी बचाने के लिए विरोधी जिला पंचायत सदस्यों को रायबरेली न पहुँचने देने की बात कह रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के विरोधी सदस्य बैठक में न पहुँचे इसके निर्देश खुद सीएम योगी ने जिले के डीएम और एसपी को दिए हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद से ही जिले की सियासत में तूफान मचा हुआ है।
गौरतलब है कि बीते साल 2019 में रायबरेली के बीजेपी एमएलसी दिनेश सिंह के भाई और जिला पंचायत अवधेश सिंह के खिलाफ कुछ सदस्यों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस अविश्वास प्रस्ताव के लिए 14 मई 2019 की तारीख तय की गई थी। जिला पंचायत अध्यक्ष के विरोध में आए सदस्य विधायक अदिति सिंह के साथ रायबरेली आ रहे थे कि जैसे ही उनकी गाड़ियां रायबरेली लखनऊ टोल प्लाजा पहुँची। वैसे ही उनपर हमले और फायरिंग शुरू हो गई। कुछ सदस्यों की जमकर पिटाई भी की गई। मुख्य रूप से पीटे गए जिला पंचायत सदस्य राकेश अवस्थी थे जिनके बेटे पर दो दिन पूर्व लखनऊ में फायरिंग हुई थी।
वीडियो में सामने आ रहा सीएम योगी का भी नाम
विधायक अदिति सिंह जिन जिला पंचायत सदस्यों को लेकर आ रहीं थीं। उनकी गाड़ी पर हरचंदपुर थाना क्षेत्र के महमदमऊ के पास पहले से घात लगाए लोगों ने हमला बोला जिसमें गाड़िया पलट गई। इन्ही सब घटनाओं के बीच जिला पंचायत के विरोधी सदस्य सदन तक नही पहुँच पाए और एमएलसी दिनेश सिंह के भाई अवधेश सिंह की कुर्सी बच गई।
बीते साल हुए कांड का जिन्न एमएलसी के बड़े भाई और संरक्षक गणेश सिंह के मुँह से सबके सामने आया कि इस पूरे कांड की जानकारी सूबे के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को थी। उन्हीं के निर्देश पर डीएम और एसपी ने विरोधी जिला पंचायत सदस्यों को सदन तक आने नही दिया। जिसके परिणाम स्वरूप जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ आया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। फिलहाल इस वीडियो के सामने आने के बाद देखने वाली बात यह होगी कि विपक्ष इस मामले पर क्या रुख अपनाता है।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा