• शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर रोगों से बचाव की दी जाएगी जानकारी
• 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा दस्तक अभियान
कानपुर नगर। टीबी, कुपोषण, मौसमी बीमारियों के मरीजों की तलाश के लिए आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अभियान के तहत घर-घर दस्तक शुरू कर दी है। शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के बाहर स्टीकर लगाकर लोगों को साफ सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है। नागरिकों को अपने आसपास गंदे पानी को न एकत्रित होने देने की भी सलाह और विभिन्न बीमारियों से बचाव के बारे में तौर-तरीके बता रहीं हैं । यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन का कहना है की संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जिले में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान के क्रम में 17 अप्रैल सोमवार से दस्तक अभियान की शुरुआत हो रही है। यह दस्तक अभियान 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा। उन्होंने अपील की कि बीमारी का लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर विभाग को अवगत करायें।
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संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ आरपी मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया की इस अभियान में मुख्य जिम्मेदारी आशा व आंगनवाडी कार्यकर्ता को सौंपी गई है| इस अभियान के अंतर्गत कुपोषित बच्चों तथा विभिन्न रोगों के लक्षणयुक्त व्यक्तियों का चिन्हीकरण कर सूचीबद्ध भी किया जाएगा। मुख्य रूप से बुखार, इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस, टीबी व कुपोषित बच्चों पर विशेष फोकस किया गया है।
जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह ने बताया की एक हफ्ते से ज्यादा बुखार या खांसी वाले लोगों तथा कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुपोषित बच्चों की सूची बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को सौंपी जाएगी। इसके माध्यम से बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में रेफर किया जाएगा। इसी तरह टीबी के मरीजों की सूची क्षय रोग विभाग को भेजी जाएगी।
संचारी रोग अभियान के अन्तर्गत घर घर दस्तक के साथ साथ आशा कार्यकत्री अपने अपने कार्य क्षेत्र में सफाई कर्मी की मदद से एंटी लार्वा दवा का छिड़काव भी करा रही है । इसी के साथ गांव में एंटी लार्वा दवाइयों का छिड़काव भी कराया जा रहा है। इसके लिए पूर्व में ही आशाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
मच्छरों से ऐसे करें बचाव
• अपने घर के आसपास किसी भी तरह का जलभराव न होने दें। ध्यान रहे मच्छर गंदे और साफ पानी दोनों में पनप सकते हैं।
• घरों में खिड़की दरवाजे के रास्ते घुस जाते हैं। दरवाजे और खिड़कियों पर ऐसी जाली लगवाएं, जिससे हवा तो अन्दर आए, लेकिन मच्छर न घुस पायें।
• घरों की छतों पर रखी पानी की टंकी को ढककर रखें, ताकि मच्छर न पनप पायें।
• रात में सोने के लिए मच्छरदानी लगा लें। मच्छरों से बचने के लिए ये बेहद आसान, प्रचलित और बेहद सुरक्षित तरीका है।
• पूरी बांह कपड़े पहनें।
• गाँव में जानवरों के बाड़ों को घर से दूर रखें। यहां काफी मच्छर पनप सकते हैं, इसलिए इसमें साफ-सफाई का बहुत ख्याल रखें।
• खराब टायर, कूलर आदि में पानी जमा होने न दें।
• संतुलित आहार ले औ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल सब्जी लें।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर