वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के मुखिया विश्वात्मा भरत गांधी ने रंगिया में पार्टी की एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मांग की कि अन्य प्रदेशों की तरह असम प्रदेश की विधानसभा भी नागरिकता संशोधन कानून (सी.ए.ए.) के खिलाफ और मशीनों तथा प्राकृतिक संसाधनों के नाम पर सरकार द्वारा छापी जा रही नोट को फ्री में लोगों के खाते तक पहुंचाने के लिए प्रस्ताव पारित करें। यह विशाल जनसभा नागरिकता पुनर्विचार रैली के नाम से श्री विश्वात्मा का जन्मोत्सव मनाने के लिए पार्टी की असम कमेटी द्वारा आयोजित थी। लगभग 2 लाख लोगों की संख्या देखकर वीपीआई के नीति निर्देशक विश्वात्मा ने कहा कि ऐसा लगता है कि यूरोप में पुनर्जागरण 18वीं शताब्दी में हुआ था लेकिन भारत में वह पुनर्जागरण 21वीं शताब्दी में हो रहा है।
राजनीतिक, धार्मिक और आर्थिक सुधारों पर दर्जनों पुस्तकों के लेखक श्री विश्वात्मा ने पूरे असम प्रदेश से आए हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के जन सैलाब को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में और देश में वोटरों की जरूरतों के अनुरूप काम करने वाली सरकार चाहिए। उन्होंने कहा कि जो सरकार देश के खरबपतियों को ‘अमीर’ कहने के लिए भी कानून नहीं बना पा रही है, वह हर महीने हर वोटर को 6000 रुपये की वोटरशिप दिलाने के लिए खरबपतियों से पैसा नहीं निकाल सकती। इसीलिए नेताओं की पार्टियों को हटाकर वोटरों की पार्टी को सत्ता तक पहुंचाना जरूरी है।
नागरिकता पुनर्विचार रैली में नागरिकता संशोधन कानून की धज्जियां उड़ाई हुए विश्वात्मा ने कहा कि नागरिकता का पुराना कानून भी दोषी था, जो केवल अमीरों को ही दुनिया के किसी भी कोने के नागरिकता देने और वीजा देने का समर्थन करता था। पुराना कानून पूरी दुनिया के मध्यमवर्ग और गरीबों के विरोध में था। श्री विश्वात्मा ने कहा कि उनकी पार्टी यूरोपियन यूनियन की तर्ज पर एशियन यूनियन की नागरिकता का कानून बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संधि करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में व्याप्त जंगली सभ्यता और संस्कृति का अंत करके कानून का राज कायम किया जा सके।
विश्वात्मा ने कहा कि संघ और भाजपा हिंदुओं के हितों के लिए काम नहीं करते अपितु ये दोनों इस्लामोफोबिया की बीमारी से ग्रस्त सत्ता लोलुप संगठन हैं, जो सत्ता के बिना उसी तरह नहीं रह सकते जैसे पानी के बिना मछली नहीं रह सकती। सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक यह दोनों संगठन झूठ बोल सकते हैं, चरित्रहीन हो सकते हैं, भ्रष्ट हो सकते हैं और अपराधी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि इन दोनों संगठनों का साथ देना भारत के लोगों ने बंद नही किया तो यह दोनों संगठन भारत को लीबिया, सीरिया, इराक व अफगानिस्तान की तरह ही हिंसा ग्रस्त और अविकसित अवस्था में पहुंचा देंगे।
विश्वात्मा ने आगे कहा कि भाजपा को सत्ता में पहुंचाने के लिए एआईयूडीएफ जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के साथ इतना बड़ा विश्वासघात स्वयं एक मुस्लिम नेता द्वारा किया जाने का कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि यह पार्टी भारतीय जनता पार्टी से विधानसभा चुनाव में गठबंधन करके चुनाव लड़ती है और फिर संसदीय चुनाव में यह बताती है कि वह भाजपा को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि बीपीएफ और एआईयूडीएफ को वोट देना है तो भाजपा को ही सीधे वोट दो। क्योंकि यह दोनों पार्टियां वोट लेकर भाजपा की ही सरकार बनाने में मदद करेंगी।
उन्होंने कहा कि वोटरशिप का विरोध करने के लिए देश और विदेश के खरबपतियों ने दिल्ली में एक पार्टी पैदा की और दिल्ली के चुनाव में तीसरी बार उसे जीत दिलवाई। उन्होंने कहा कि जनलोकपाल के नाम पर जनता को धोखा देकर जिस पार्टी ने सरकार बनायी, उस पार्टी ने खुद ही दिल्ली में जनलोकपाल नहीं बनाया। फिर भी मीडिया में प्रचार करके खरबपतियों ने इस पार्टी को दिल्ली विधान सभा के चुनाव में जीत दिलायी।
विश्वात्मा ने कहा कि कांग्रेस के ज्ञानेंद्रियां मर चुकी हैं। ऐसा लगता है कि यह पार्टी बुजुर्ग हो गई उसके पास नए विचारों को हजम करने की शक्ति खत्म हो गई है। इसलिए कांग्रेस को फिर से वोट देने का मतलब है भारतीय जनता पार्टी को ताकत देना। विश्वात्मा ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के खिलाफ बाकी सभी पार्टियों के साथ गठबंधन बनाने के लिए तैयार है किंतु यह गठबंधन लिखित संविधान पर होगा और पारदर्शी होगा, जिसमें टिकट का फैसला गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों के जिला कमेटी और ब्लॉक कमेटी के कार्यकर्तागण पूर्व निर्धारित नियमों के अनुसार करेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी भाजपा विरोधी पार्टी यह बात मानने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए उनका भाजपा विरोध नकली है।
इस विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पार्टी के असम प्रदेश अध्यक्ष ललित पेगू ने असम के विद्यार्थी संगठन के अनुभव और विवेक पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि जो लोग अपने मां-बाप से कागजी सबूत मांगने के समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, वह लोग असम के समाज को अपमान देने के सिवा कुछ नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि असम के कुछ विद्यार्थी संगठनों ने केंद्र सरकार से असम के लिए अपमानजनक समझौता किया। चोर को घर से बाहर निकालने के लिए अपने मां-बाप को ही चोरों की लाइन में खड़ा कर दिया। इस अपमानजनक समझौते से उन्होने अपने मां-बाप से ही यह पूछ लिया कि तुम भारत के नागरिक होने का सबूत दो। विद्यार्थी संगठनों की इसी नादानी की सजा असम के हर व्यक्ति को भुगतनी पड़ी। बांग्लादेश से आए हुए लोगों से ज्यादा असम के लोगों को अपमानित होना पड़ा, तकलीफ उठानी पड़ी तथा दर-दर भटकना पड़ा। असम के सभी परिवार लाखों रुपए के कर्ज में डूब गए। इतनी कठोर परीक्षा लेने के बाद भी एक आदमी बांग्लादेश नहीं गया। उल्टे अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत में आने के लिए कानून बना दिया गया। इसीलिए वोटर्स पार्टी यह मांग कर रही है कि अगली कोई भी एनआरसी की प्रक्रिया शुरू करने से पहले हर व्यक्ति के खाते में 1,00,000/- रुपये (एक लाख) पहले जमा कराया जाए।
विश्व परिवर्तन मिशन के प्रतिनिधि तरनी बासुमतारी ने कहा कि बोरो नेताओं द्वारा केंद्र सरकार के साथ जिस समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है, उसमें स्कूल, कॉलेज और आदमी व जानवर की अस्पताल की मांग की गई है। वह बोडो समाज के लिए पर्याप्त नहीं है। नागरिकता संशोधन कानून, जनसंख्या रजिस्टर और नागरिकता रजिस्टर के विषय में केंद्र सरकार के कदमों का उन्होंने विरोध करते हुए कहा कि इससे देश की सुरक्षा, एकता और अखंडता को खतरा पैदा होगा। उन्होंने कहा कि इस खतरे को रोकने के लिए जरूरी है कि विश्व परिवर्तन मिशन के सभी संगठन गांव-गांव और सभी वार्ड में वोटर भाईचारा कमेटियों का गठन करें जिसमें कम से कम 7 सदस्य अलग-अलग समुदायों से हों।
विश्वात्मा भरत गांधी के 51वें जन्मोत्सव के अवसर पर पार्टी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर बिहू और बोडो नृत्य का रंगारंग मनमोहक प्रस्तुतीकरण करके सभी को भारत की अनेकता में एकता का व्यापक संदेश दिया।