• जिले के सरकारी व गैर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में होंगी स्वास्थ्य शिक्षा संबंधी गतिविधियां
• प्रत्येक स्कूल से दो शिक्षक बनेंगे ‘हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर’, दो छात्र ‘हेल्थ एंड वेलनेस मैनेजर’
• इलैक्ट्रोनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखने के लिए बनेगा ‘स्टूडेंट हेल्थ कार्ड’
वाराणसी। बच्चों व किशोर-किशोरी के सर्वांगीर्ण विकास के लिए उनके बेहतर स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर की भूमिका होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से आयुष्मान भारत स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। इसके अंतर्गत जनपद के सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 10 से 19 वर्ष के बच्चों के लिए विभिन्न विषयों पर स्वास्थ्य शिक्षा संबंधी कार्यक्रम किए जाएंगे। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी का।
सीएमओ ने कहा कि आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत संचालित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूल जाने वाले बच्चों-किशोर-किशोरियों में स्वास्थ्य स्वच्छता संबंधी गतिविधियों, बीमारियों की रोकथाम एवं एकीकृत स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ कराना है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से किशोर-किशोरियों में चोट, हिंसा, मादक द्रव्य व नशीले पदार्थों के सेवन, जोखिम भरा यौन व्यवहार, मनोवैज्ञानिक व भावनात्मक विकार को कम किए जाने पर पूरा ज़ोर दिया जाएगा।
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शिक्षक बनेंगे हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर- प्रत्येक विद्यालय से दो शिक्षकों (एक महिला एवं एक पुरुष) को स्वास्थ्य व कल्याण राजदूत (हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर) के रूप में नामित किया जाएगा जिन्हें स्वास्थ्य शिक्षा व्यवहार को बढ़ावा देने और रोगों के रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रत्येक सप्ताह एक घंटे रोचक गतिविधियों का सत्र आयोजित कर हर कक्षा से दो छात्रों को ‘हेल्थ एंड वेलनेस मैनेजर’ नामित किया जाएगा, जोकि स्वास्थ्य संवर्धन संदेशों को समाज तक पहुँचाने का काम करेंगे
। विद्यालय में प्रत्येक मंगलवार हेल्थ एंड वेलनेस दिवस के रूप में समर्पित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए राज्य स्तर से जनपद के नोडल अधिकारी, नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक व शिक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जल्द ही जिले के शिक्षकों, आरबीएसके टीम व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
स्टूडेंट का बनेगा ‘हेल्थ कार्ड’- नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एके मौर्य ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम बच्चों-किशोर-किशोरियों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी। आरबीएसके की मोबाइल हेल्थ टीम के माध्यम से चिन्हित 39 प्रकार की जन्मजात बीमारियों व विकृतियों का परीक्षण कर पहचान एवं समाधान करेगी।
इसके अलावा साप्ताहिक आयरन एवं फोलिक एसिड अनुपूरण कार्यक्रम के तहत नीली गोली एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (10 फरवरी व 10 अगस्त) के तहत एल्बेण्डाजोल की गोलियों का सेवन सुनिश्चित कराया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) पर हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर योग और ध्यान का सत्र लेंगे जिससे उनमें योग की आदतों को विकसित किया जाएगा। सभी बच्चों व किशोर-किशोरियों का इलैक्ट्रोनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखने के लिए ‘स्टूडेंट हेल्थ कार्ड’ बनाया जाएगा।
साथिया एप पर मिलेगी आवश्यक जानकारी- इसके अतिरिक्त स्कूल एवं समुदाय में चयनित पीअर एजुकेटर या साथिया ब्लाक किशोर स्वास्थ्य कोआर्डिनेटर, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत सीएचओ, क्षेत्रीय एएनएम ऑडियो, वीडियो एवं व्यवहार परिवर्तन संचार से सम्बंधित आईईसी का उपयोग करते हुए स्कूल की स्वास्थ्य गतिविधियों में सहयोग प्रदान करेंगे।
हेल्थ एंड वेलनेस एम्बेसडर द्वारा साथिया एप्लीकेशन एवं हेल्पलाइन नम्बर का उपयोग सत्र के दौरान चर्चा के लिए किया जाए। स्कूल में किशोर स्वास्थ्य दिवस व किशोर स्वास्थ्य मंच की कार्ययोजना बनायी जाएगी। कार्यक्रम की थीम पर आधारित विषयों पर गतिविधियां आयोजित कर छात्रों को सशक्त बनाने की योजना तैयार की जाएगी।
अपर माध्यमिकी विद्यालयों में स्वास्थ्य संवर्धन गतिविधियां
• किशोरावस्था सम्बंधी परिवर्तन
• आँखों की देखभाल एवं मुख की स्वच्छता
• पोषण
• हिंसा रोकथाम
• ध्यान और योग
• इंटरनेट सुरक्षा और मीडिया साक्षरता
• मादक द्रव्यों व नशायुक्त पदार्थों के सेवन की रोकथाम
• एचआईवी/एड्स की जानकारी
• मानसिक स्वास्थ्य
हाईस्कूल एवं इण्टर कॉलेज में स्वास्थ्य संवर्धन गतिविधियां
• मादक द्रव्यों व नशायुक्त पदार्थों के सेवन की रोकथाम
• यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य
• हिंसा निवारण
• अनजाने में चोट
• सड़क सुरक्षा
• पोषण
• ध्यान और योग
• एचआईवी/एड्स की जानकारी
• मानसिक स्वास्थ्य
रिपोर्ट-संजय गुप्ता