प्रधानमंत्री ने आपदा को अवसर में बदलने का सकारात्मक विचार दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर बखूबी अमल किया। कोरोना आपदा काल में भी अनेक उल्लेखनीय कार्य हुए। इसमें उत्तर प्रदेश परिवहन का भी बहुत योगदान रहा। उसके सहयोग से लाखों श्रमिक व कामगारों की सुरक्षित व सम्मानजनक घर वापसी संभव हुई। इसके लिए बारह हजार बसें प्रदेश स्तर पर और जिलों में भी पन्द्रह हजार बसों की व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही परिवहन विभाग के विकास का कार्य भी नियमों के पालन के साथ किया गया। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई जिलों के लिए बस स्टेशनों का ऑनलाइन उद्घाटन और शिलान्यास किया।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट काल में राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों ने प्रवासियों और छात्रों को उनके घर तथा गांव तक लौटने की सुविधा प्रदान करने के लिए दिन रात काम किया। इससे साबित होता है कि परिवहन निगम लोगों का दोस्त है। कहा जाता है कि जरूरत पडऩे पर जो काम आए वह दोस्त कहलाता है। प्रदेश को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा प्रदान करने के संकल्प के साथ नवीन बस स्टेशन उपलब्ध हो रहा है। निकट भविष्य में कुछ और नए बस स्टेशन उपलब्ध होंगे।
योगी आदित्यनाथ ने उप्र राज्य परिवहन निगम के विभिन्न जनपदों में नवनिर्मित छह बस स्टेशनों का लोकार्पण करने के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में निर्माण हेतु प्रस्तावित सात बस स्टेशनों की आधाशिला रखी थी। जिन बस स्टेशनों का आज लोकार्पण किया गया उनमें डिबाई बुलंदशहर के अतिरिक्त अवध स्टेशन लखनऊ, चित्रकूट, नैमिषारण्य सीतापुर, रुधौली बस्ती और मानकपुर गोंडा शामिल है। इस के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में निर्माण हेतु स्वीकृत अन्य सात बस स्टेशनों की ने आधारशिला भी रखी। निर्माण हेतु स्वीकृत राज्य परिवहन निगम के इन बस स्टेशनों में गुरसहायगंज कन्नौज, जालौन, कांठ मुरादाबाद, दिबियापुर औरैया, बदलापुर जौनपुर, चायल कौशांबी और अलीगंज एटा हैं।