लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि जैसे-जैसे लोकसभा के चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं भाजपा विपक्ष के Leaders नेताओं को बदनाम करने के अभियान में जुट गई है।
वह साजिश और फरेब के सहारे लोगों को भ्रमित करना चाहती है। लेकिन अब परिस्थितियां बदल रही हैं, सबके बारे में सब जानते हैं। भाजपा भी समझ रही है कि इस चुनाव में उसका सफाया होना तय है। जनता ने भी तय कर लिया है कि भाजपा की वादाखिलाफी और धोखाधड़ी को देखते हुए इस बार उसकी खैर नहीं।
Leaders को सम्बोधित कर रहे थे
श्री यादव आज पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में कार्यकर्ताओं और Leaders नेताओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा भाजपा हमारे गठबंधन की खबरों से बुरी तरह परेशान हैं। आखिर भाजपा ने भी तो 40 दलों से गठबंधन किया है। इसी तरह सीबीआई का भी हौआ खड़ा किया जा रहा है।
लोकसभा चुनाव में सीबीआई और गठबंधन का क्या सम्बंध है? भाजपा को हटाना है तो सीबीआई क्या करेगी? भाजपा के पास सीबीआई है तो हमारे पास गठबंधन है। सीबीआई के हर सवाल का जवाब देने के लिए मैं तैयार हॅू। वोट सीबीआई तो डालती नहीं, वोट तो किसान, श्रमिक, गरीब, नौजवान, महिलायें, व्यापारी और छोटे कारोबारी डालते हैं।
भाजपा राज में बेरोजगारी
श्री यादव ने कहा कि भाजपा राज में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। मंहगाई और भ्रष्टाचार रूकने का नाम नहीं ले रहा है। महिलाओं, बच्चियां का जीवन असुरक्षित है। व्यापारी वर्ग परेशान है। भाजपाराज में सबका उत्पीड़न हो रहा है। नौजवानों के सपने टूट गए हैं। विकास अवरूद्ध है।
किसान कर्ज में डूबे हैं। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। भाजपा ने पांच हजार करोड़ रूपए सिर्फ प्रचार पर खर्च कर दिए। जनता की गाढ़ी कमाई का यह निर्लज्ज दुरूपयोग भाजपा कर रही है।
सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी विकास और सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा जातिवादी राजनीति कर रही है। विकास की योजनाएं सबके लिए होती हैं लेकिन भाजपा राज में भेदभाव और रागद्वेष की भावना से काम हो रहा है। अभिव्यक्ति की आजादी को कुचला जा रहा है। भाजपा ने राजनीतिक शिष्टाचार खत्म किया है।
हम समाजवादी राजनीतिक शिष्टाचार नहीं छोडेंगे। इससे ऊबी जनता परिवर्तन चाहती है। देश रूका हुआ है वह गति चाहता है। देश की जनता भी तैयार है जवाब देने के लिए सन् 2019 के चुनाव में जनता भाजपा का सफाया कर देगी।