समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा अपनी झूठ की फसल को लहलहाने में छल प्रपंच का खाद-पानी देकर समझती है कि जनता उसकी सच्चाई नहीं जान पाएगी। पर हकीकत में अब भाजपा की कोई चाल सफल होने वाली नहीं है। कानून व्यवस्था कायम रखने में भाजपा पूरी तरह विफल है। भाजपा का एजेण्डा विपक्षी जनप्रतिनिधियों एवं नेताओं का उत्पीड़न करना और अपमानित करना है। भाजपा सत्ता का दुरूपयोग कर गरीबों की आवाज को कुचलने और बदनाम करने में लगी है। जनता इस सबकी जवाबदेही लेगी।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री जी बड़े बड़े वादे करते हैं और फिर उन्हें जुमला बताकर इज्जत पर पड़े दाग छुपा लेने में माहिर है। इधर उन्होंने एक करोड़ श्रमिकों को रोजगार देने की घोषणा कर दी। इसमें कितनी सच्चाई है इससे जाहिर है कि अपनी रोजी-रोटी के लिए प्रवासी मजदूर फिर प्रदेश से बाहर जाने के लिए मजबूर हैं। गांव-शहर में रोजगार होता तो बुन्देलखण्ड से पहली ट्रैन से एक हजार मजदूर मुम्बई जाने वाली ट्रेन में क्यों सवार होते? प्रदेश से बाहर जाने वाले यातायात के साधनों में प्रवासी मजदूरों की भीड़ फिर पलायन करते दिख रही है। अगर मुख्यमंत्री जी ने रोजगार दिया होता तो गांव-घर छोड़कर लोग क्यों जाते?
प्रदेश में व्यापारिक गतिविधियों में गति नहीं है। निवेश सम्मेलनों के नतीजे सामने नहीं आ रहे हैं। नए उद्योग लग नहीं रहे हैं, पुराने बंद होते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी यह नहीं बताते कि प्रदेश में कौन उद्योग लगे हैं, किन बैंकों ने किन उद्यमियों को कर्ज दिया है और किस उद्योग में किस-किस श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती हुई है? अच्छा हो राज्य सरकार इस सम्बंध में एक श्वेत पत्र ले आए।
सपा अध्यक्ष ने कहा, भाजपा सरकार ने गन्ना किसानों को अब तक धोखा देने के अलावा कुछ नहीं किया है। 14 दिन के अंदर गन्ना भुगतान का वादा पूरा नहीं किया। उदाहरण के तौर पर अम्बेडकर नगर में 600 किसानों का 27 करोड़ रूपया बकाया है। बदायूं में गन्ना किसानों का 63 करोड़ रूपए का बकाया भुगतान नहीं हुआ है। पूरे प्रदेश में लगभग 20 हजार करोड़ रूपए गन्ना किसानों का बकाया है। पांच वर्श में 60 हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की हैं। बे-मौसम बरसात, ओलावृष्टि के शिकार किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिला है। किसान बीमा योजना किसानों के लिए हितकर नहीं साबित हुई। अन्नदाता के साथ भाजपा सरकार अपमानजनक व्यवहार कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दोनों की विचारधारा की बुनियाद ही नकारात्मक सोच पर पड़ी है। सामाजिक सद्भाव की कीमत पर राजनीतिक स्वार्थ साधन और विकास में अवरोध पैदा करने की साजिश करते रहना ही भाजपा की कार्यपद्धति है। गरीबों, किसानों, श्रमिकों और नौजवानों के हितों की अनदेखी करना उसका स्वभाव है। भाजपा को लोकराज में लोकलाज की भी चिंता नहीं है। इसलिए समाजवादी पार्टी का मुख्य लक्ष्य उत्तर प्रदेश में कुशासन का पर्याय बन गई भाजपा सरकार को सन् 2022 के चुनावों में सत्ता से बाहर कर देना है।