भगवत गीता में विचलित मन को स्थितप्रज्ञ बनाने के वैज्ञानिक सूत्र है। आधुनिक विज्ञान ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है। विकसित देशों तक कर्मयोग की गूंज है। इसके माध्यम से वह कुशल प्रबंधन की प्रेरणा ले रहे हैं। बड़ी संख्या में विदेशों के विश्वविद्यालयों ने भगवत गीता को अपने पाठ्यक्रम में स्थान दिया है। भारत की विरासत विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित हो रही है। ऐसे में भारत की जिम्मेदारी बढ़ गई है। उसे अपनी विरासत पर गर्व के साथ ही इस पर अमल करके दिखाना होगा। भगवत गीता धार्मिक ग्रंथ मात्र नहीं है। इसमें निजी और समाज जीवन का कुशल प्रबंधन है।
महामना मालवीय मिशन लखनऊ द्वारा संचालित श्रीमद भगवत गीता समिति गीता पाठ को लोकप्रिय बनाने का अभियान चला रही है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में द्वन्द परिलक्षित होता है।
कई बार अपना ही मन हृदय युद्ध स्थल जैसा हो जाता है। कौरव व पांडव की तरह परस्पर विरोधी विचारों के बीच द्वंद की स्थिति बनती है। उचित का निर्णय करना कठिन हो जाता है। शरीर भी दस इंद्रियों का रथ ही तो है। प्रभु को सारथी बना कर कर्म करता चल, अर्थात गीता के उपदेश के अनुरूप कर्म करना चाहिए। गीता में जीवन प्रबंधन है, भ्रम से बाहर निकलने का मार्ग है। आज के जीवन मे जो तनाव है, उसे गीता के नियमित पाठ से दूर किया जा सकता है।
इसके पाठ से धर्म आधारित कर्म का भाव जागृत होता है। श्रीमद्भागवत गीता समिति द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जाते है। क्लास तीन से लेकर बारह तक के विद्यर्थियो गीता के श्लोक कंठस्थ कराए जाते है। इस समय प्रायः सभी विद्यर्थियो को गीता के श्लोक कंठस्थ है। इसी प्रकार गृहस्थ गीता अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है।
इसमें बड़ी संख्या में गृहस्थ लोग समवेत गीता पाठ करते है। तीसरे कार्यक्रम के रूप में गीता शलाका प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इसमें अंतरविद्यालय स्तर पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इसमें प्रतिभागी विद्यार्थी गीता के कंठस्थ श्लोक सुनाते है। इसका उद्देश्य सभी विद्यर्थियो में गीता व संस्कृत के प्रति रुचि जागृत करना होता है।
इस प्रतियोगिता में महाभारत से जुड़े सौ प्रश्न भी दिए जाते है। अधिकतम सही उत्तर देने वाले विद्यार्थियों को पुरष्कृत किया जाता है। इसके अलावा गीता स्वाध्याय का भी आयोजन किया जाता है। आज के सामुहिक गीता पाठ में पूर्व मंत्री महेन्द्र सिंह, प्रभु नारायण श्रीवास्तव, कैलाश चंद्र शर्मा, कुंदनलाल शास्त्री, ज्योति प्रकाश, राजेन्द्र मिश्र, शक्ति कुमार, राजीव पंडित, गौरव सिंह, प्रदीप मिश्रा, डॉ बृजेश श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।