मुरादाबाद। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह चल रहा है। इसके बावजूद हादसों पर रोक नहीं लग पा रही है। बुधवार को आधी रात के बाद कांठ रोड थाना छजलैट के पास तेज रफ्तार कैंटर ने टेंपो को रौंद दिया। हादसे में टेंपो में सवार तीन दोस्तों समेत चार लोगों की मौत हो गई जबकि एक ही हालत नाजुक बनी हुई है। हादसे के दौरान टेंपो काफी दूर तक घिसटता चला गया। मरने वाले दो लोग बिजनौर के रहने वाले हैैं। पुलिस ने कांठ रोड से ही एक ढाबे के पीछे से कैंटर को बरामद कर लिया है।
थाना कांठ में ऊमरी कलां चैराहे के पास स्थित डहरा गांव निवासी मिथुन कुमार (19) किरनपाल सिंह बिजली का ठेकेदार था। उसका नेपाल के होटल में बिजली काम चल रहा था। वह तीन जनवरी को वह सर्दी अधिक होने की वजह से अपने साथियों के साथ घर लौट आया था। बुधवार की रात नौ बजे उसे मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से ट्रेन में सवार होकर काम के लिए नेपाल जाना था। मिथुन अपने साथी अनुज (20) पुत्र दलेल सिंह निवासी तुराव नगर नगला थाना नहटौर बिजनौर, गौरव (18) पुत्र उदेश ग्राम रानी कोटा थाना रायपुर सादात बिजनौर, दिलीप (19)पुत्र अरविंद कुमार निवासी तुराव नगर नगला, थाना नहटौर और इसी गांव के अभिषेक (18) पुत्र मेघराज सिंह के साथ रेलवे स्टेशन पहुंच गया था। जिस ट्रेन में उन्हें सवार होना थास वह इतनी खचाखच भरी थी कि उसमें पैर रखने तक को जगह नहीं थी। इस पर मिथुन और उसके साथियों ने नेपाल जाने का कार्यक्रम निरस्त कर दिया। इसके बाद सभी रेलवे स्टेशन के बाहर आ गए। तय यह हुआ कि सभी गांव रात को डहरा गांव में ही रुक जाएंगे। इसके बाद सभी अपने घर चले जाएंगे। मिथुन ने रेलवे स्टेशन के बाहर अलजेब (20) पुत्र भूरा निवासी लंगड़े की पुलिया असालतपुरा, थाना गलशहीद का टेंपो 250 रुपये किराए पर लिया। अलजेब को पांचों युवकों को डहरा गांव तक पहुंचाना था। वह टेंपो लेकर कांठ रोड पर चल दिया। रात करीब साढ़े बारह बजे कांठ रोड पर थाना छजलैट के पास सामने से आ रहे कैंटर ने टेंपो को रौैंद दिया। हादसे में अनुज और अलजेब की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के दौरान अभिषेक को खरौैंच तक नहीं आई। घायल गौरव, दिलीप और मिथुन को आसपास के लोगों की मदद से पुलिस ने जिला अस्पताल भिजवा दिया। यहां मिथुन और गौरव ने दम तोड़ दिया। एसओ छजलैट सुनील कुमार चैधरी ने बताया कि टेंपो सवार दिलीप का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। मरने वाले आपस में दोस्त ही नहीं रिश्तेदार भी थे। घटना के बाद चालक ने कैंटर को ढाबे के पीछे छिपा दिया था। कैंटर मिल गया है। मामलें में मुकदमा लिखकर कैंटर चालक की तलाश की जा रही है।