केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने तृणमूल कांग्रेस की नेता और पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों पर जांच आगे बढ़ाई है। एजेंसी ने इस मामले में मोइत्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले वकील जय अनंत देहाद्राई को पूछताछ के लिए समन भेजा है। उन्हें 25 जनवरी को प्राथमिक जांच के लिए पेश होने को कहा गया है।
भाजपा सांसद ने लोकपाल में दर्ज कराई थी शिकायत
गौरतलब है कि भाजपा के नेता निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकपाल में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने टीएमसी सांसद पर संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं उन्होंने मोइत्रा पर आर्थिक लाभ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया है। टीएमसी नेता के खिलाफ लोकपाल की तरफ से शिकायत करने के बाद सीबीआई ने प्राथमिक जांच शुरू की थी।
बता दें कि मोइत्रा पर पहले ही लोकसभा की आचार समिति ने जांच बिठाई थी। इसी मामले में सीबीआई की तरफ से प्राथमिक जांच शुरू की गई है, जिससे आरोपों की सत्यता को प्रमाणित किया जाएगा और देखा जाएगा कि आरोप पूर्ण जांच शुरू करने के योग्य हैं या नहीं। अगर मामले में प्रथम दृष्टया सबूत मिलते हैं तो सीबीआई इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कर सकती है।
क्या हैं महुआ मोइत्रा पर आरोप?
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से उपहार के बदले संसद में सवाल पूछने का आरोप है। इस मामले में ही लोकसभा की आचार समिति ने उन्हें सांसद पद से निष्कासित करने की सिफारिश की थी। बाद में स्पीकर ओम बिरला ने इस पर कार्रवाई करते हुए मोइत्रा को निष्काषित कर दिया था।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अदाणी समूह पर सवाल पूछने के लिए सांसद मोइत्रा ने रिश्वत ली थी। यहां तक कि मोइत्रा पर संसद की लॉगिन क्रेडेंशियल साझा करने का भी गंभीर आरोप है। मोइत्रा ने कहा था, लॉगिन और पासवर्ड साझा करने संबध में कोई विनियमन नहीं है।