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परम्परा की धरोहर को सहेज रही हस्तियों को मिला ‘रेशम रत्न सम्मान’

• मंत्री सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग विभाग राकेश सचान ने किया सम्मानित।
• 10-10 लाभार्थियों को नि:शुल्क सोलर चरखा और विद्युत चालित चाक दिए गए।
• 5 लाभार्थियों को खादी विभाग की ओर से टूलकिट वितरित किए गए।
• “रेशम मित्र पोर्टल” का लोकार्पण, “रेशम मित्र पत्रिका” का हुआ विमोचन।

लखनऊ। धरोहर चाहे कला की हो, इतिहास की या फिर परम्पराओं की…पीढ़ियों तक तभी जीवित रह सकती है जब उसे सहेजने वाले उसके प्रति संवेदनशील व समर्पित हों…और समर्पण का बीज पनपता है प्रोत्साहन के जल से…।

रेशम के उत्पादन से लेकर उसे वैश्विक स्तर तक पहचान दिला रही ऐसी की कुछ शख्सियतों (कृषकों, उद्यमियों, बुनकरों, डिजाइनरों आदि) के इसी समर्पण को उप्र स्टेट मेगा एक्सपो के मंच से “पं0 दीन दयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान समारोह” के रूप में प्रोत्साहन दिया गया।

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इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश रेशम निदेशालय रेशम विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग, माटी कला बोर्ड, एमएसएमई, हथकरघा एवं केन्द्रीय रेशम बोर्ड (भारत सरकार) के संयुक्त तत्वावधान में 3 से 11 नवम्बर तक चलने वाले यूपी स्टेट मेगा एक्सपो-2023 में सोमवार को मंत्री सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा, वस्त्रोद्योग विभाग उत्तर प्रदेश राकेश सचान द्वारा यह सम्मान प्रदान किया गया।

परम्परा की धरोहर को सहेज रही हस्तियों को मिला ‘रेशम रत्न सम्मान’

इसके साथ ही मंत्री राकेश सचान ने यहां आयोजित की गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए मंत्री श्री सचान ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का यही ध्येय है कि प्रदेश की पारम्परिक धरोहरों को संरक्षण व संवर्धन के लिए सभी संभव प्रयास, पूरे मनोयोग से किए जाएं तथा विभाग भी सतत् इसी दिशा में अग्रसर है कि रेशम उत्पादन में लगे कृषकों, रेशमी वस्त्र बना रहे बुनकरों, इससे जुड़े उद्यमियों व इसे वैश्विक स्तर तक ले रहे डिजाइनरों को प्रोत्साहित किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह बेशकीमती विरासत सहेजकर रखी जा सके तथा वर्तमान में इसके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध हों।

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इसके साथ ही कार्यक्रम में कृषकों, रेशम उद्योग के किसी भी क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों, प्रतिष्ठानों तथा आम जनमानस के उपयोगार्थ रेशम मित्र’ पत्रिका का विमोचन भी यहां किया गया। इसमें विभिन्न क्षेत्रों से रेशम उत्पादन से सम्बंधित वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अनुसंधान, बुनाई एवं डिजाइनिंग आदि के क्षेत्र में उद्यमियों द्वारा किए गए नवाचार का संकलन किया गया है।

परम्परा की धरोहर को सहेज रही हस्तियों को मिला ‘रेशम रत्न सम्मान’

पं दीन दयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान समारोह में सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान, मटिकला बोर्ड के अध्यक्ष ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव (रेशम) आर रमेश कुमार, सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग के सचिव प्रांजल यादव, विशेष सचिव (रेशम) सुनील कुमार वर्मा, केन्द्रीय रेशम बोर्ड (भारत सरकार) पी शिव कुमार, सदस्य सचिव, निदेशक एमएसएमई राजेश कुमार खादी एवं ग्रामोद्योग के सीईओ अरुण प्रकाश तथा केन्द्रीय रेशम बोर्ड के विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक, विभागीय अधिकारी, कोया उत्पादक, रेशम उद्यमियों, बुनकरों तथा कृषकों ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया।

इन्हें मिला पं दीन दयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान” लाइफटाइम एजीवमेंट अवॉर्ड

प्रथम पुरस्कार- पी शिवकुमार, बंगलुरु
द्वितीय पुरस्कार- अमरेश प्रसाद कुशवाहा, वाराणसी

सर्वोत्तम डिजाइनिंग (रेशम वस्त्र/परिधान)

प्रथम पुरस्कार- अस्मा हुसैन, लखनऊ
द्वितीय पुरस्कार- मो शारिक, वाराणसी

सर्वोत्तम डिजाइनिंग (रेशम निर्मित अन्य उत्पाद)

प्रथम पुरस्कार- संजय कुमार गुप्ता, भदोही
द्वितीय पुरस्कार- मो हसीन अहमद, वाराणसी

परम्परा की धरोहर को सहेज रही हस्तियों को मिला ‘रेशम रत्न सम्मान’

सर्वोच्च कोया क्रेता/धागा विक्रय

प्रथम पुरस्कार- धनन्जय सिंह, वाराणसी
द्वितीय पुरस्कार- पूनम, बहराइच

सर्वाधिक विक्रेता (रेशम फिनिश्ड प्रोडक्ट)

प्रथम पुरस्कार- घनश्याम दास, वाराणसी
द्वितीय पुरस्कार- उज्ज्वल खन्ना, वाराणसी

ककून उत्पादन (कृषक द्वारा)

प्रथम पुरस्कार- रामदयाल, बहराइच
द्वितीय पुरस्कार- चन्दा, महाराजगंज

ककून उत्पादन में नवाचार (कार्मिक द्वारा)

प्रथम पुरस्कार- डॉ टी सेल्वाकुमार, छत्तीसगढ़
द्वितीय पुरस्कार- सर्वेश्वर प्रसाद सिंह, बहराइच

रेशम के फिनिश्ड प्रोडक्ट में नवाचार

प्रथम पुरस्कार-  कुणाल मौर्य, वाराणसी
द्वितीय पुरस्कार- कु. अंगिका कुशवाहा, वाराणसी

परम्परा की धरोहर को सहेज रही हस्तियों को मिला ‘रेशम रत्न सम्मान’

सोलरचर्खा लाभार्थी: चम्पादेवी, मायादेवी, अनीता विश्वकर्मा, शीला विश्वकर्मा, सरिता, सविता, कविता, मीना, अंकिता, फूलमती (सभी लखनऊ से)।

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नि:शुल्क विद्युत चालित चाक लाभार्थी: चन्द्रशेखर प्रजापति, सुरेश कुमार, मो शमीम, मो. साजिद, मो जाकिर, शिवकुमार, किरन, धनराज प्रजापति, राजेश कुमार प्रजापति, सनोज कुमार प्रजापति।

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