Breaking News

चीन ने अब रूस के इस शहर पर ठोका अपना दावा, कहा 1860 से पहले था चीन का हिस्सा

चीन का अपने पड़ोसी देशों से सीमा विवाद बढ़ता ही जा रही है. चीन ने भूटान के बाद अब रूस के एक शहर पर अपना दावा ठोक दिया है. एक तरफ जहां गलवान घाटी में भारत के साथ गतिरोध के बीच पूरी दुनिया में चीन की आलोचना हो रही है. वहीं दूसरी ओर उसकी हरकतों से कई देश परेशान हैं.

गौरतलब है कि पिछले दिनों चीन ने भूटान के सकतेंग वनजीव अभयारण्य पर अपना दावा पेश किया था और इसकी फंडिंग का विरोध किया था. भूटान ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज करायी थी. भूटान ने कहा था कि अभयारण्य की जमीन हमेशा से उसकी थी और आगे भी रहेगी. भूटान ने कहा कि कभी भी यह जमीन किसी और की नहीं थी.

वहीं अब चीन ने रूस के व्लादिवोस्तोक शहर को अपना बता रहा है. मीडिया रिपोटर््स के अनुसार चीन के सरकारी समाचार चैनल सीजीटीएन के संपादक शेन सिवई ने दावा किया कि रूस का व्लादिवोस्तोक शहर 1860 से पहले चीन का हिस्सा था.

उन्होंने यह भी कहा कि इस शहर को पहले हैशेनवाई के नाम से जाना जाता था. उन्होंने दावा किया कि रूस से एकतरफा संधि के तहत चीन से छीन लिया था. बताया जा रहा है कि चीन के सभी मीडिया संस्थान सरकारी हैं. वहां की मीडिया में जो भी बातें आती हैं, उसे सरकारी बयान माना जाता है.

ऐसे में शेन सिवई के ट्वीट से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि रूस के व्लादिवोस्तोक पर चीन अपना दावा ठोक सकता है. जापान के साथ भी दक्षिणी चीन सागर पर चीन का कई दिनों से विवाद है. अभी हांगकांग में एक सुरक्षा कानून को लेकर भी चीन सुखिज़्यों में है.

चीन और रूस के बीच इन दिनों रिश्ते में खटास आ गयी है. भारत के साथ रूस के संबंध चीन को नगवार गुजर रहे हैं. आज ही भारत ने रूस के साथ करोड़ों रुपये के रक्षा खरीद को मंजूरी दी है. रूस इस रक्षा सौदे के तहत भारत के मिग-29 विमानों को अपग्रेड करेगा और 33 नये फाइटर जेट भारत को देगा. पिछले महीने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का रूस दौरा भी चीन के खटक रहा था.

हालांकि चीन के इस दावे पर रूस की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. रूस इसे आधिकारिक बयान नहीं मानते हुए भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा होगा. चीन का जापान में भी पूर्वी चीन सागर में स्थित द्वीपों को लेकर तनाव चरम पर है. हाल में ही जापान ने एक चीनी पनडुब्बी को अपने जलक्षेत्र से खदेड़ा था. चीन का फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया के साथ भी भूमि विवाद है.

About Aditya Jaiswal

Check Also

जयशंकर एससीओ सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंचे कजाखस्तान, विदेश मंत्री नुरतलु से की मुलाकात

विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मंगलवार ...