मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली का असर अब हर विभाग पर दिखाई दे रहा है, हाल यह है कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी इतनी लगन से काम कर रहे हैं कि सिवाय काम के उन्हे कुछ दिखाई नहीं दे रहा है ताजा नजीर यातायात पुलिस ने दिखाई, जिन्होंने मुख्यमंत्री काफिले में शामिल कार को ही उठा लिया। जब उन्हें इस बात की जानाकारी हुई तो उनके हाथ-पावं फूल गये, और जैसे तैसे कार को गलत जगह पार्क होने का बहाना बता कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन इस प्रकरण ने एक बात साफ कर दिया है कि वहां तैनात अधिकारी यातो लापरवाह थे या फिर जरूरत से ज्यादा ईमानदार।
यह प्रकरण तब हुआ जब ,बुंदेलखण्ड के दौरे के तहत निकले मुख्यमंत्री झांसी के विकास भवन में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के लिए अपने काफिले के साथ पहुंचे, तो उनके काफिले की गाड़िया बगल में स्थित सर्किट हाउस में खड़ी करा दी गई,इसी बीच, पुलिस के वायरलेस पर एक संदेश प्रसारित हुआ कि मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल एक इनोवा कार (यूपी 32 बीजी 6371) चोरी हो गयी है। वह संदेश वाहन चालक की सूचना पर जारी किया गया था। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक (नगर) दिनेश सिंह ने बताया कुछ देर बाद यातायात पुलिस से सूचना मिली कि वह गाड़ी गलत जगह पर खड़ी थी, लिहाजा उसे उठाकर पार्किंग के लिये निर्धारित जगह पर खड़ा कर दिया था।
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