श्रीलंका के दो दिवसीय दौरे पर गई भारतीय नौसेना की ताकतवर पनडुब्बी आईएनएस करंज सोमवार को भारत के लिए रवाना हुई। पनडुब्बी का यह दौरा भारत और श्रीलंका के बीच मजबूत समुद्री संबंधों का प्रतीक है।
ऑपरेशनल टर्न अराउंड (ओटीआर) यात्रा पर गई भारतीय पनडुब्बी का यह किसी भी विदेशी बंदरगाह का पहला दौरा था। कोलंबो में भारतीय राजदूत संतोष झा ने पनडुब्बी का दौरा किया और कमांडिंग ऑफिसर कमांडर अरुणाभ तथा उनके क्रू मेंबर्स के साथ बातचीत की। इस दौरान श्रीलंकाई नौसेना के 100 नॉमिनेटेड कर्मियों को पनडुब्बी के बारे में जानकारी दी गई।
कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा ओटीआर के लिए अपनी पहली विदेशी बंदरगाह यात्रा पर कोलंबो पहुंचने पर श्रीलंकाई नौसेना द्वारा आईएनएस करंज का स्वागत किया गया। उच्चायुक्त ने कलवेरी श्रेणी की पनडुब्बी का दौरा किया और चालक दल के साथ बातचीत की। श्रीलंकाई नौसेना के 100 कर्मियों ने परिचय ब्रीफिंग के लिए जहाज पर दौरा किया।
👉कट्टरपंथी इस्राइली नागरिकों-हमास नेताओं पर प्रतिबंध लगाएगा कनाडा, कहा- इनसे क्षेत्र की शांति को खतरा
67.5 मीटर लंबी कलवेरी श्रेणी की यह तीसरी पनडुब्बी है, जो पूरी दुनिया में सबसे ताकतवर सबमरीन्स में से एक है। करंज एक स्वदेशी पनडुब्बी है, जो ‘मेक इन इंडिया’ के तहत तैयार की गई है। इसे मार्च 2021 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। यह टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइल से हमला करने और रडार को चकमा देने में सक्षम है।
नौसेना ने श्रीलंका में ऐसे समय में पनडुब्बी भेजी, जब श्रीलंका ने 4 फरवरी को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया। यह हिंद महासागर क्षेत्र में श्रीलंका को सुरक्षा मुहैया कराने की भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इससे पहले कलवेरी श्रेणी की एक अन्य पनडुब्बी ‘आईएनएस वागिर’ ने जून 2023 में कोलंबो का दौरा किया था।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी