सबसे पहले भारत में मिला कोरोना वायरस (COVID-19) का डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) दुनियाभर के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है. भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका में तेजी से पैर पसार रहा है.
एएफपी के अनुसार यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) ने कहा, “डेल्टा संस्करण अन्य परिसंचारी वेरिएंट (circulating variants) की तुलना में अधिक पारगम्य है और हमारा अनुमान है कि अगस्त के अंत तक यह यूरोपीय संघ में 90 प्रतिशत नए मामलों का प्रतिनिधित्व करेगा।”
ECDC का आकलन है कि डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) अल्फा वेरिएंट से करीब 40 से 60 फीसदी अधिक संक्रामक है। अल्फा वेरिएंट सबसे पहले यूके में मिला था। यूरोपीय यूनियन में अभी अधिकतर केस इसे वेरिएंट की वजह से हैं।
एजेंसी ने कहा कि अगस्त की शुरुआत तक ईयू में 70 फीसदी केस डेल्टा वेरिएंट की वजह से होंगे जबकि महीने के अंत तक कुल केसों में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 90 फीसदी हो चुकी होगी।
अब यूरोपीय देशों में भी इस वेरिएंट का खतरा बढ़ गया है. यूरोप की डिजीज कंट्रोल एजेंसी ने कहा है कि डेल्टा वेरिएंट आने वाले महीनों में यूरोपीय यूनियन में 90 प्रतिशत नए कोविड मामलों के लिए जिम्मेदार हो सकता है.