महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यरी से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा है. बता दें, महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल शुक्रवार को पूरा हो रहा है, ऐसे में फडणवीस ने सरकार बनाने को लेकर कोई दावा नहीं पेश किया है जिसके बाद इस बात की उम्मीद बढ़ गई हैं कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है.
सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा महाराष्ट्र की जनता का आभार किया. उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी देते हुए कहा,’मैंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है. मुझे 5 साल तक महाराष्ट्र के लोगों की सेवा करने का मौका मिला जिसके लिए मैं महाराष्ट्र के लोगों का शुक्रगुजार हूं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों का भी आभारी हूं.’
देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे से साथ ही एक बार फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने की बात को बल मिला है. ऐसे में एक बार फिर लोगों की नजरें राज्यपाल की भूमिका पर होगी. इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कोशियारी राज्य में सरकार बनाने के लिए फड़नवीस को आमंत्रित कर सकते हैं क्योंकि 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है या फिर वो राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते है.
बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना आम सहमति तक पहुंचने में असमर्थ रही हैं. राज्य में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद माना जा रहा था कि दोनों दल मिलकर सरकार बनाएंगे. लेकिन परिणामों की घोषणा के बाद शिवसेना ने कहा कि दोनों दलों के बीच चुनावों से पहले 50-50 पॉवर शेयरिंग फॉर्मूले पर बात हुई थी. वहीं राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी मुख्यमंत्री पद से हटने का तैयार नहीं है.
सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों के सवालों का जबाव देते हुए फडणवीस ने कहा,’मैंने उद्धव ठाकरे के साथ कई मुद्दों पर काम किया है, लेकिन इस बार मैंने उद्धव ठाकरे को फोन किया तो उन्होंने मुझसे बात नहीं की. शिवसेना और बीजेपी के बीच सीएम पद को लेकर 50-50 पर मेरे सामने कभी कोई निर्णय नही हुआ. मैंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, नितिन गडकरी से भी इस बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने भी सीएम पर 50-50 फॉर्म्युले पर किसी भी तरह के फैसले से इनकार किया.’
इस प्रेस कांफ्रेंस में जब फडणवीस से पूछा गया कि क्या वो एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे तो उन्होंने कहा,’मैंने खुद फोन कर उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की थी. उद्धव ठाकरे के करीबी लोग बेवजह बयानबाजी कर रहे हैं. जब चुनाव साथ मिलकर लड़े थे तो फिर एनसीपी से चर्चा क्यों की जा रही है.’
वहीं जब फडणवीस से यह पूछा गया कि दोनों दलों के बीच बातचीत विफल होने के लिए कौन जिम्मेदार हैं तो उन्होंने कहा,’वार्ता विफल होने के लिए शिवसेना 100% जिम्मेदार है, उन्होंने मेरे फोन नहीं उठाए. उन्होंने चर्चा रोक दी, गठबंधन अभी तक टूटा नहीं है, न तो उन्होंने घोषणा की और न ही हमने. हमारी पार्टियां अभी भी केंद्र में एक साथ हैं.’