लालगंज/रायबरेली। आधुनिक रेलकोच कारखाना स्थित हस्पिटल को जिला प्रसासन अपने संरक्षण मे लेने जा रहा है।एमसीएफ हस्पिटल को कोरोना संक्रमित के लिये आइसोलेसन वार्ड एल वन अस्पताल के रूप मे स्थापित करने का काम प्रारम्भ हो गया है।
बुधवार को डीएम शुभ्रा सक्सेना, एसपी स्वप्निल ममगई, सीडीओ, सीएमओ सरकारी अस्पताल के डक्टर बीरबल, डा. पांडेय ने विधिवत अस्पताल का मुआयना किया,जिसके बाद एमसीएफ की ओपीडी को एमसीएफ में ही किसी अन्य जगह शिफ्ट करने की बात डीएम ने की और अस्पताल को एलवन अस्पताल बनाने का एलान कर दिया,जिसमें 5 सीरियस वेंटिलेटर के मरीज,25 कॅरोना से संक्रमित मरीज रखे जाएंगे।
वहीं एमसीएफ हास्पिटल को एल वन अस्पताल बनाये जाने को लेकर रेलकोच संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने डीएम रायबरेली से एतराज किया और कहा कि मैडम ये अस्पताल आवासीय परिसर के अंदर बना है और हम लोग अभी तक बिल्कुल सुरछित है।हमे अभी तक रेलवे प्रशासन ने पेट्रोल तक डालने के लिए बाहर नही निकलने दिया गया है।
यूनियन लीडरो ने कहा कि कही यहां फैक्टरी में संक्रमण ना फैल जाए और मैडम हम लोगो का इलाज व खून की जांच वगैरा कहां होगी, जिस पर डीएम रायबरेली ने सभी को आस्वासन दिया कि जरूरत पडने पर हर सम्भव सभी को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।डीएम ने यह भी कहा कि अस्पताल को चारों तरफ से सील करा दूंगी और और आपकी जांच रायबरेली अस्पताल में हो जाएगी,जिस पर कर्मचारी नेताओ ने रायबरेली में जांच कराने में ऐतराज जताया कि हमारी जांच वगैरा रायबरेली में ना कराई जाए। हमे यहीं सुविधा दी जाए जिसके बाद डीएम ने किसी की भी नही सुनी और वहां से चली गयी।
कर्मचारियों की बातों को अनसुना कर दिया।रेलवे प्रसासन की तरफ से सीपीएम एके सिंह सेक्रेटरी टू जीएम अमित सिंह एसीएमओ डीडी शुक्ला एमसीएफ डक्टर दीपक शाही आदि लोग मौजूद रहे।रेलकोच स्थित अस्पताल को कोरोना संक्रमित मरीजो के लिये एल वन अस्पताल बनाने को लेकर ऐहार के पूर्व प्रधान राजकिसोर सिंह बघेल ने भी विरोध जताया है।
उन्होने कहा कि एमसीएफ के अस्पताल के बजाय एम्स मे एलवन अस्पताल बनाया जाना चाहिये। जब लालगंज व उसके आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से कोरोना मुक्त है तो प्रसासन को भी हर सम्भव कोरोना के मरीजो को यहां लाने से बचना चाहिये।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्र