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बेहतर हुईं जिला स्तरीय अस्पतालों की सेवाएं, मिला कायाकल्प अवार्ड

• जिला स्तर पर महिला अस्पताल को मिला प्रथम स्थान

अवार्ड के लिए सभी अस्पतालों का चयन होने से स्वास्थ्य विभाग में खुशी की लहर

कानपुर। जनपद के महिला व पुरुष जिला अस्पतालों के साथ ही मान्यवर काशी राम संयुक्त चिकित्सालय और कमलापत मेमोरियल चिकित्सालय (केपीएम) को एक बार फिर से कायाकल्प अवार्ड के लिए चुना गया है। वर्ष 2022-23 के कायाकल्प योजना में जनपद के सभी जिला अस्पतालों का चयन होने से स्वास्थ्य विभाग में खुशी की लहर है। अब इन सभी अस्पतालों के मरीजों व तीमारदारों की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिए तीन-तीन लाख रुपए मिलेंगे।

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डॉ आरिफ बेग़

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने कहा कि मानक के अनुसार अस्पताल का संचालन करने व मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने वाली चिकित्सा इकाइयों को कायाकल्प और एन्क्वास अवार्ड से सम्मानित किया जाता है। आंतरिक व वाह्य मूल्यांकन में बेहतर प्रदर्शन करने वालों का चयन अवार्ड के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र हैं। पूरे स्टाफ की बेहतर कार्य प्रणाली के कारण ही अस्पतालों को अवार्ड मिला है। कायाकल्प योजना के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एसके सिंह ने बताया कि जनपद स्तर पर जिला महिला अस्पताल (डफ़रिन) ने 81.29 प्रतिशत अंक पाकर पहला स्थान प्राप्त किया है। जिला पुरुष अस्पताल उर्सला ने 78.23 प्रतिशत अंक पाकर दूसरा, कमलापत मेमोरियल चिकित्सालय (केपीएम) 75.71 प्रतिशत अंक पाकर तीसरा और मान्यवर काशी राम संयुक्त चिकित्सालय ने 74.54 प्रतिशत अंक पाकर चौथा स्थान प्राप्त किया है। अवार्ड के लिए चयनित होने वाले सभी अस्पतालों को सरकार की ओर से तीन लाख रुपये की धनराशि मिलेगी, जिसमें 75 प्रतिशत हिस्सा अस्पताल की व्यवस्थाओं और 25 प्रतिशत स्टॉफ को बतौर इनसेंटिव प्रदान किया जाएगा।

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क्या है कायाकल्प- जनपदीय सलाहकार क्वालिटी एश्योरेन्स डॉ आरिफ बेग़ ने सभी जिला चिकित्सालयों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक व हॉस्पिटल क्वालिटी मैनेजर सहित समस्त स्टाफ को बधाई दी। उनके मुताबिक सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वच्छता एवं अच्छी प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने यह महत्वाकांक्षी योजना 15 मई 2015 को आरंभ की थी। इसके तहत एक निर्धारित चेक लिस्ट के आधार पर स्वास्थ्य केन्द्रों का तीन चरणों में असेस्मेंट किया जाता है। तीनों चरणों में 70 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित करने वाली चिकित्सा इकाइयों को राष्ट्रीय (भारत सरकार)/राज्य स्तर से सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र एवं अवार्ड धनराशि प्रदान की जाती है। योजना के मुताबिक राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले जिला स्तरीय चिकित्सालयों को 50 लाख रुपये, द्वितीय को 20 लाख रुपये एवं तृतीय को 10 लाख रुपये और जो चिकित्सालय 70 प्रतिशत से अधिक अंक पाते हैं उन्हे तीन लाख रूपय दिये जाते हैं।

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इन चरणों के माध्यम से आठ बिन्दुओं जैसे- अस्पताल का रखरखाव, साफ-सफाई, बायो मेडिकल निस्तारण, ईको फ्रेंडली, इन्फेक्शन कंट्रोल, सहयोगी सेवाएं एवं स्वच्छता को बढ़ावा देने आदि मुद्दों पर स्वास्थ्य केंद्र का मूल्यांकन किया जाता है जिसमे आंतरिक मूल्यांकन का निरीक्षण स्थानीय टीम द्वारा, सहकर्मी मूल्यांकन का निरीक्षण मण्डल स्तरीय टीम द्वारा व अंतिम मूल्यांकन राज्यस्तरीय टीम के द्वारा किया जाता है।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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