समूचे देश की नजर इस समय कर्नाटक के सियासी घमासान पर है। इस राजनैतिक द्वन्द के मुख्य सूत्रधार के रूप में उभर कर आ रहे कर्नाटक के राज्यपाल Vajubhai Vala वजुभाई वाला चौंका देने वाले फैसलों की वजह से बडी चर्चा में है। कौन हैं वजुभाई वाला ? क्या है इनका राजनैतिक वजूद ? कहाँ से चले और यहाँ तक पहुंचने में क्या संघर्ष किया उन्होने? यह जाने की उत्सुकता सबमें होगी।चलो हम बतातें हैं आपको..
कट्टर सोंच वाले पक्के जनसंघी हैं Vajubhai Vala
वजुभाई वाला Vajubhai Vala ने अपने सामाजिक व राजनैतिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होकर किया। 1971 में जब वे जनसंघ में शामिल हो गए तो उनकी सक्रियता और जिम्मेदारियां बढ़ गयीं। 80 के दशक में वे राजकोट (गुजरात) के महापौर बने। बाद में उन्होंने राजकोट से राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ा और विजय हासिल की।1998 से 2012 तक वे गुजरात सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। उन्हे वित्त विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी। वित्त मंत्री के रूप में उन्होने गुजरात विधान सभा में 18 गुना बजट पेश किया जो आज भी एक रिकॉर्ड के रूप में याद किया जाता है।
ग्यारह महीने जेल में…
दिसंबर 2012 में वाजूभाई वाला को गुजरात विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया। इस पद पर उन्होने अगस्त 2014 तक सेवा दी। केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें सितंबर 2014 में कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उनके अन्दर ठोस फैसले लेने की क्षमता तब और बढ़ी जब 1975 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इन्दिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया और वे ग्यारह महीने जेल में रहे।