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काशी कविता मंच वाराणसी के पटल पर डॉ. दीपक क्रांति और डॉ. रूपा व्यास नवीन शिक्षण पद्धति से दे रहे शिक्षा

Published by- @MrAnshulGaurav, Wednesday, 25 Febraury, 2022

वाराणसी। मौजूदा वक़्त में आज हर क्षेत्र में क्रांतिकारी विचारधारा के लोग उभरते ही जा रहे हैं। ये वो लोग हैं, जो अपने कार्यक्षेत्र में रोज़ नए बदलाव करते हुए न सिर्फ़ अपनी क़ाबिलियत में इज़ाफ़ा कर कर रहे हैं, बल्कि अपनी क़ाबिलियत से नए लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं। ‘काशी कविता मंच’, वाराणसी के पटल पर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा के लिए, शिक्षा की नई पद्धति से विद्यार्थियों को परिचय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। झारखण्ड के शिक्षक डॉ. दीपक क्रांति और शिक्षिका डॉ. रूपा व्यास ने इस कार्यक्रम में अपना योगदान दिया।

राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के ‘बदलाव मंच’ के संस्थापक, सह मार्गदर्शक इंडिआज़ बेस्ट टीचर का नेशनल अवार्ड प्राप्त डॉ. दीपक क्रांति कार्यक्रम मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। दीपक ने बच्चों को नवोदय की प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने के गूढ़ और अनोखे स्मार्ट -स्टडी के तथ्य बताए। साथ ही, पढ़ाई को रुचिकर बनाने के गुर सिखाये। वहीं, बदलाव मंच की अध्यक्ष, राजस्थान की शिक्षिका और हिंदी कक्षा की मुख्य शिक्षिका डॉ.रूपा व्यास हिंदी शिक्षण में नवीन शिक्षण पद्धति का प्रयोग कर रही हैं। डॉ. व्यास बच्चों की आवश्यकता अनुसार, उनकी समझ को विकसित करते हुए, उनके अंदर तार्किक क्षमता के विकास के साथ, विषय वस्तु को सुंदर ढंग से गूगल मीट के माध्यम से प्रस्तुत कर रही हैं। उनकी यह शिक्षण पद्धति क़ाबिले तारीफ़ है।

पटल संयोजक मिथिलेश कुमार सिंह का मानना है कि वास्तव में ‘काशी कविता मंच’ के पटल पर जो कक्षाएं चलाई जा रही है, वह नवीन शिक्षण पद्धति और तकनीकी ज्ञान से भरपूर है और बच्चे बहुत ही मन से सीख रहे हैं । उनके अंदर तार्किक क्षमता के विकास के साथ-साथ सृजन क्षमता व लेखन क्षमता का विकास हो रहा है वास्तव में एक प्रकार की नई खोज है, जो ग्रामीण क्षेत्र के मेंधावी बच्चों को नवोदय विद्यालय शिक्षा के माध्यम से बच्चों के अंदर तार्किक क्षमता के साथ, सृजन क्षमता और लेखन क्षमता का विकास हो रहा है ।

मिथिलेश ने बताया कि मंच का शिक्षा के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान है। ऐसा भविष्य में किसी भी पटल द्वारा बच्चों की शिक्षा के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई गई है। काशी कविता मंच काशी की पावन धरती से सृजित मंच है, जिसमें भारत के अलावा अन्य शहरों से भी लोग जुड़े हुए हैं और दैनिक सृजन, लेखन के साथ-साथ ज्ञान विज्ञान पर आधारित राष्ट्रीय वेबिनार के माध्यम से तथा तकनीकी ज्ञान, योगाभ्यास और गीत संगीत के माध्यम से दुनिया भर के देशों में काशी की संस्कृति और शिक्षा का प्रचार प्रसार हो रहा है ।

मिथिलेश के अनुसार, वाराणसी जिला के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ० राकेश सिंह और बडा़गाँव के खंड शिक्षा अधिकारी क्षमा शंकर पांण्डेय ने काशी कविता मंच के कार्यों की तारीफ की है। समस्त जनपदों के शिक्षक इस मंच से जुड़कर बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। नवोदय विद्यालय की परीक्षा में पढ़ाने वाले शिक्षकों को सभी साधुवाद और धन्यवाद भी दे रहे।

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