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वित्त मंत्री ने लिया यस बैंक के कर्जदार इन बड़े कॉर्पोरेट घरानों का नाम

यस बैंक संकट के मामले में एक राजनीतिक मोड़ गया जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यस बैंक के कर्ज लेनदारों का सार्वजानिक तौर पर नाम ले लिया. इससे पहले आरोप लगाया गया था कि यस बैंक ने ज्यादातर लोन भाजपा सरकार के दौर में दिया था. सीतारमण ने बैंकिंग प्रणाली के प्रबंधन में कांग्रेस पार्टी के ट्रैक रिकॉर्ड पर सवाल उठाया और यस बैंक के संपर्क में चार समूहों को का नाम लिया जो वर्तमान में संकट में हैं. उन्होंने रिलायंस समूह, एस्सेल ग्रुप, डीएचएफएल, आईएल एंड एफएस और वोडाफोन आइडिया का नाम लिया.

शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि मीडिया के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने से पहले यस बैंक ने तनावग्रस्त कॉर्पोरेट घरानों को लोन दिया था. उन्होंने कहा “मैं उनका नाम लेने से भी गुरेज नहीं करूंगी. क्योंकि वे पब्लिक डोमेन में हैं और मैं किसी भी ग्राहक की निजता का उल्लंघन नहीं कर रही हूं.

अनिल अंबानी समूह (रिलायंस समूह), एस्सेल समूह (सुभाष चंद्रा के), डीएचएफएल, इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड और वोडाफोन उन तनावग्रस्त कॉर्पोरेट्स में से हैं जिनका नाम यस बैंक में उजागर हुआ है. यह 2014 से पहले का है.”

मंत्री ने यह भी कहा कि 2006 में यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक का IDBI में विलय तब हुआ जब UPA सत्ता में थी. निर्मला सीतारमण ने कहा मेरे पास कांग्रेस को दोष देने के पर्याप्त कारण हैं. सीतारमण ने 2004 में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के साथ ग्लोबल ट्रस्ट बैंक के विलय का भी हवाला दिया.

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