पेट्रोल-डीजल के दामों को जीएसटी के दायरे में लाने की चर्चा पिछले कई वर्षों से उठ रही है। सरकार के मंत्रियों ने इसको लेकर बयान भी दिया है। सरकार का कहना है कि इसका आखिरी निर्णय जीएसटी काउंसिल ही करेगी। किन्तु अब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट कर दिया है कि अभी क्रूड पेट्रोलियम, पेट्रोल डीजल, एविएशन टर्बाइन फ्यूल तथा नैचुरल गैस को जीएसटी के दायरे लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर जीसएसटी काउंसिल की ओर से अभी तरह का सुझाव नहीं प्राप्त हुआ है।
वित्तमंत्री का कहना है कि उचित वक़्त पर इस प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। वहीं पेट्रोल -डीजल के बढ़ते दामों को कम करने को लेकर वित्तराज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारें इस पर मिल कर विचार कर रहे हैं। आशा की जा रही है कि पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले कर को लेकर शीघ्र ही कोई निर्णय किया जाएगा। इससे पूर्व पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि वे निरंतर जीएसटी काउंसिल से आग्रह कर रहे हैं कि पेट्रो पदार्थों को जीएसटी के तहत लाया जाए जिससे आम जनता को राहत प्राप्त सके।
प्रधान ने कहा था उनकी मांग को मानना है काउंसिल पर निर्भर करता है तथा उन्हें ही इससे संबंधित निर्णय लेना है। प्रधान के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ी हैं तथा शीघ्र ही इसमें गिरावट देखी जाएगी। प्रधान के अनुसार, कोरोना के चलते कच्चे तेल के दाम गिरे थे किन्तु अब बाजार खुलने से कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि देखी जा रही है।