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ऐसे मिला गब्बर

यहाँ से पचास-पचास कोस दूर जब बच्चा रात को रोता है तो माँ कहती है सो जा बेटे नहीं तो गब्बर आ जाएगा,फिल्म शोले का ये डायलॉग देने वाले गब्बर सिंह यानी अमजद ख़ान आज अगर जिंदा होते तो 77 बरस के होते।
-ऐसा कम ही होता है जब किसी फिल्म का खलनायक किवदंती बन जाए और वो मूवी अपने विलेन की वजह से याद की जाए। शोले और गब्बर का रिश्ता कुछ ऐसा ही है।अमजद ख़ान की जिंदगी में गब्बर का रोल यूं ही नहीं आया। गब्बर का रोल…
-गब्बर का रोल पहले डैनी को ऑफर हुआ था और स्क्रीन मैगजीन के कवर पर डैनी समेत श्शोलेश् के स्टारकास्ट की फोटो भी छप गई थी, लेकिन डैनी को उसी दौरान अफगानिस्तान में फिरोज खान की धर्मात्मा शूट करनी थी और उन्हें शोले छोड़नी पड़ी।
-तब सलीम ख़ान ने जावेद अख़्तर को अमजद ख़ान के बारे में याद दिलाया। जावेद अख़्तर ने अमजद ख़ान को कई साल पहले दिल्ली में एक नाटक में देखा था और सलीम ख़ान से उनकी तारीफ की थी।
-जब गब्बर के रोल के लिए सलीम-जावेद को किसी एक्टर की तलाश थी तो सलीम ख़ान ने अमजद ख़ान का नाम याद दिलाया जो चरित्र अभिनेता जयंत के बेटे थे। पेशावर के एक पठान परिवार में पैदा हुए अमजद ख़ान थिएटर की दुनिया से बड़े पर्दे पर आए थे। हालांकि पिता जयंत के साथ उन्होंने बतौर बाल कलाकार कुछ फिल्मों में काम किया था लेकिन 1973 में चेतन आनंद की हिंदुस्तान की कसम से उनके फिल्मी करियर की शुरुआत हुई।
-1975 में अमजद खान को शोले में मौका मिला और गब्बर सिंह की कामयाबी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अमजद ख़ान को बिस्कुट बनाने वाली एक कंपनी ने अपने ब्रैंड एंबैसडर के तौर पर साइन किया. बॉलीवुड के किसी विलेन का विज्ञापनों में आने का ये शायद पहला मौका था।
-अमजद खान से पहले हिंदी सिनेमा में खलनायकी की शोहरत अभिनेता अजीत के नाम हुआ करती थी, लेकिन शोले के बाद अमजद ख़ान ने बड़े पर्दे के बुरे आदमी को एक नई पहचान दी। सत्तर और अस्सी का दशक विलेन की लोकप्रियता और पब्लिक डिमांड के लिहाज से अमजद ख़ान का दौर था।
-हीरो अमिताभ बच्चन के ख़िलाफ अमजद ख़ान कई कामयाब फिल्मों में खलनायक के तौर पर दिखे। इनमें मुकद्दर का सिकंदर, लावारिस , महान, देश प्रेमी, कालिया जैसी फिल्में थीं। 1976 में हुए सड़क हादसे ने अमजद ख़ान की जिंदगी बदल दी। इलाज से वे बच तो गए लेकिन दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से उनका वजन बढ़ने लगा। वे लंबे समय तक अपने मोटापे से जूझते रहे। 27 जुलाई 1992 को दिल का दौरा पड़ने से 51 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।

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