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खतरे के निशान को कभी भी पार कर सकती हैं गंगा और यमुना, जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

प्रयागराज:  गंगा और यमुना का जलस्तर शुक्रवार से अचानक बढ़ना शुरू हुआ तो शनिवार तक मुसीबत बन गया। दो दिनों में गंगा का जलस्तर 4.51 मीटर तक पहुंच गया है। गंगा का पानी संगम क्षेत्र में बांध के नीचे तक आ गया है। इसे देखने के लिए देर रात तक लोगों की भीड़ लगी रही। रविवार को भी जलस्तर में वृद्धि जारी रहा। गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। तटवर्ती कई मुहल्ले जलमग्न हो गए हैं। कई परिवारों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है।

इस हफ्ते हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश हुई तो गंगा और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया। शुक्रवार सुबह फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 79.58 मीटर था, छतनाग में 78.10 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 79.35 मीटर था। शनिवार को गंगा उफान पर आ गई। इससे संगम क्षेत्र डूब गया। किला की दीवार से होते हुए बांध के नीचे पानी भर गया। रात आठ बजे तक छतनाग में गंगा का जलस्तर 4.51 मीटर बढ़कर 82.61 मीटर हो गया है।

इसके बाद यमुना में तेजी से पानी बढ़ा। इसकी सहायक नदियां चंबल, केन और बेतवा भी उफान पर हैं। कई जिलों से होते हुए प्रयागराज में पानी पहुंचा तो वह बाढ़ का रूप ले लिया। यमुना के सापेक्ष शुक्रवार को गंगा का पानी धीमी गति से बढ़ा। यमुना का वेग इतना तेज था कि रात तक लेटे हनुमानजी डूब गए।सुबह तक मंदिर परिसर में कमर तक पानी भर गया।

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