प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को संदिग्धों को पृथक रखने के उचित स्थान की पहचान और बेहतर इलाज की व्यवस्था करने को कहा है. वहीं संसद की एक समिति ने भी कोरोना वायरस के संकट पर चिंता व्यक्त करते हुये सरकार को विभिन्न प्रकार के वायरस के संक्रमण के खतरों से निपटने के लिये ‘राष्ट्रीय जैव सुरक्षा नीति’ बनाने की सिफारिश की है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस ने अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य को और जटिल बना दिया है.
उन्होंने ऐसी चुनौतियों से निपटने की तैयारी पर बल दिया जिनमें कार्रवाई के लिए पर्याप्त समय की गुंजाइश नहीं होती है. मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के संदिग्ध 18 व्यक्तियों के नमूनों की जांच में किसी में भी इस वायरस के संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है तथा सभी नमूने नकारात्मक पाए गए हैं. तीन नए मरीज़ों में वायरस की पुष्टि के बाद पीड़ितों की संख़्या 34 हो गई है, जिनमें से केरल के 3 पीड़ित ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. नए मरीज़ों में 2 लद्दाख और एक तमिलनाडु का है. लद्दाख के दोनों मरीज़ हाल ही में ईरान से लौटे थे जबकि तमिलनाडु का मरीज़ पिछले दिनों ओमान से वापस भारत आया.
हालांकि कोरोना वायरस और सामान्य जुकाम-बुखार में फर्क है. इसको लेडी हॉर्डिंग अस्पताल के मेडिसिन विभाग निदेशक प्रोफेसर अनिल गुर्टू बहुत ही आसान शब्दों में बताया है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से प्रभावित होने वालों को दो मुख्य लक्षण हैं. पहला पिछले 10 दिन में 104 डिग्री बुखार आया हो, क्योंकि कोरोना वायरस का असर 10 दिन में खत्म हो जाता है और दूसरा लक्षण खांसी.
प्रोफेसर गुर्टू ने बताया कि आम बुखार में जुकाम, नाक बहना, बंद होना, गले का जाम होना और बुखार होता है. जबकि कोरोना में नाक बहना या बंद होना नहीं होता है.