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यूपी सरकार द्वारा महाकुंभ में आयोजित हैंडलूम प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र

कुंभ नगरी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कुंभ नगरी के सेक्टर 1 में त्रिवेणी मार्ग परेड मैदान पर हैंडलूम प्रदर्शनी (Handloom Exhibition) का आयोजन किया गया है जो आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है प्रदर्शनी में श्रद्धालु हैंडलूम से बने उत्पादों की शानदार प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे हैं।

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प्रदर्शनी में साड़ी सलवार-सूट कुर्ता-पायजामा, जैकेट आदि जैसे लोकप्रिय उत्पादों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। प्रदर्शनी में घर के पर्दे सोफे के कवर आदि भी शामिल है। प्रदर्शनी का उद्घाटन एमएसएमई, खादी, ग्रामोद्योग, रेशम उत्पादन, कपड़ा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार राकेश सचान (Rakesh Sachan) ने किया है। यह प्रदर्शनी 26 फरवरी तक चलेगी। इस प्रदर्शनी में लगभग विभिन्न प्रकार के 77 स्टॉल्स लगें हैं।

यूपी सरकार द्वारा महाकुंभ में आयोजित हैंडलूम प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र

श्री सचान ने इस खास अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री हैंडलूम एवं पावर लूम उद्योग विकास योजनाएं संचालित की जा रही है जिसके अंतर्गत पावर लूम बुनकरों के लिए पावर लूम के क्रय मूल्य का 60 प्रतिशत अधिकतम पचहत्तर हजार एक लूम तथा डेढ़ लाख रुपए दो लूम के लिए सब्सिडी दी जा रही है।

श्री सचान ने हथकरघा उद्योग की तरफ लोगों का ध्यान खींचते हुए यह भी कहा कि कठिन दौर से गुजर रहा है और अब यह उस सीमा तक पहुँच गया है, जिसका मतलब है कि इसका अस्तित्व कैसे बचा रह सकता है।

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उद्योग कई चुनौतियों से जूझ रहा है, जैसे कि अच्छी मार्केटिंग योजना का अभाव, अच्छे बुनियादी ढाँचे की कमी, धागे की कीमतों में वृद्धि, कम उत्पादकता, पावरलूम उद्योग के साथ-साथ आगे बढ़ने में विफल होना, आधुनिक तंत्र को अपनाने में विफल होना और कई अन्य। उत्तर प्रदेश में, हथकरघा उद्योग लाखों लोगों को रोज़ी-रोटी मुहैया कराता है इसलिए इसपर ध्यान देना अति आवश्यक है।

हथकरघा उद्योग न केवल पूरे भारत में बुनकर समुदायों की परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि हमारे पूरे देश की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतिनिधित्व करता है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस प्रदर्शनी में बुनकरों और हथकरघा द्वारा तैयार किये गए राज्यों के पारंपरिक वस्त्रों सहित पिट लूम, फ़्रेम लूम, बैकस्ट्रैप लूम, फ़्लाई शटल लूम, चित्तरंजन करघा इत्यादि हथकरघा से बने कपड़ों की बात करें तो सादा बुनाई, ट्विल बुनाई, साटन बुनाई भी मौजूद हैं।

बात करें हथकरघा से बने कुछ प्रमुख उत्पादों की तो चटाई, कालीन, गलीचे, चादरें, कुशन कवर, रेशमी स्कार्फ़, बिस्तर लिनन, टॉयलेट लिनन, रसोई लिनन भी हैं। भारत में हथकरघा से बने कुछ प्रमुख उत्पाद भी हैं जिनमें कांचीपुरम रेशम साड़ियां, माहेश्वरी साड़ियां, बाग प्रिंट साड़ियां, चंदेरी रेशम साड़ियां, टसर रेशम साड़ियां, बनारसी, रेशम साड़ियां, कॉटन के ड्रेस मटेरियल, साड़ियाँ, दुपट्टे, चादर, बेडशीट तथा खादी वस्त्रों और ग्रामोद्योग द्वारा निर्मित सामग्रियों के स्टॉल लगाए गए हैं।

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