नक्षत्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलिका दहन की रात काफी प्रभावशाली होती है। इस दिन अगर पूरी सावधानी और विधि-विधान के साथ होलिका दहन किया जाता है तो काफी लाभ मिलता है। वहीं राशियों के अनुसार होली की पूजा करने से जीवन से समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं और घर में लक्ष्मी जी का वास रहता है। वृद्धि योग में होलिका दहन से धन – धान्य व स्थिर लक्ष्मी की होगी वृद्धि व ध्रुव योग में होलिकोत्सव मनाने पर सुख शांति समृद्धि की प्राप्ति होती है।
होलिका दहन की रात बेहद खास मानी जाती है। कहा जाता है कि होलिका दहन के समय की जाने वाली पूजा से घर में धन धान्य के भंडार तो भरते ही हैं वहीं जीवन से समस्त कष्ट भी दूर हो जाते हैं। इस साल होलिका दहन 28 मार्च 2021 को किया जाएगा। होलिका दहन के समय बेहद ही सावधानी के साथ पूजा करनी चाहिए। वैसे भी इस साल होलिका दहन पर कई विशेष योग बन रहे हैं। दरअसल इस बार होली पर अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त, सर्वार्थ सिद्धि योग व अमृत योग बन रहे हैं। ये योग लगभग सभी राशियों के लिए काफी फलदायी बताए जा रहे हैं। शुभ योग में अगर होलिका दहन किया जाता है तो जीवन में खुशहाली बनी रहती है। होलिका दहन में अशुभ माना गया भद्रा योग इस बार बाधा नहीं बनेगा।
निशा मुखे प्रदोषे होलिका दाह: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 06:30:00 बजे से रात 12 :39:00 बजे तक रहेगा। इसके बाद चौघड़िया में शुभ, लाभ व अमृत के दौरान भी होलिका दहन किया जा सकता है। होलिका दहन 28 मार्च को होगा। जबकि 29 मार्च को होली मनाई जाएगी। होलिका दहन होली त्योहार का पहला दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है।
ज्योतिषाचार्य पंडित आत्मा राम पांडेय जी ने बताया कि होलिका दहन के दिन भद्रा योग दोपहर एक बजे तक रहेगा। जबकि, होलिका दहन शाम को गोधुलि बेला के समय से शुरू होगा। माना जाता है कि होलिका दहन के दौरान हवा की दिशा से तय होता है कि अगले एक साल तक व्यापार, कृषि, वित्त, शिक्षा व रोजगार आदि कैसा रहेगा।
कालरात्रि महा रात्रि मोह रात्रिश्च दारूणा
वहीं गुरु जी ने बताया कि होलिका की रात को भी दीपावली शिवरात्रि व महा निशा रात्रि की तरह महा रात्रि की श्रेणी में शामिल किया गया है। होलिका की राख को मस्तक पर लगाने का विधान है। ऐसा करने से शारीरिक कष्ट दूर होते हैं। इस रात मंत्र जाप करने से मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है।