राहु ध्यान को खींचने को वाला एक ग्रह है। राहु के पास सिर है, आंखे हैं, दिमाग है परन्तु राहु के पास दिल नहीं है। राहु के पास खुद की दृष्टि नहीं है। राहु पर जिसकी दृष्टि पड़ती है या युति होती है तो उसे उस ग्रह की दृष्टि मिल जाती है। गले के नीचे को भाग न होने की वजह से कुछ नहीं है, भूख नहीं है। राहु के पास सुविधा है। राहु उस ग्रह का रूप धारण कर लेता है जिसकी दृष्टि उसको मिलती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु ग्रह को नवग्रह में एक स्थान दिया गया है। दिन में राहुकाल नामक मुहूर्त (24 मिनट) की अवधि होती है जो अशुभ मानी जाती है।
राहु की दशा से मुक्ति के उपाय-
- बहते पानी में तांबे के 43 दुकड़े प्रवाहित करें।
- नदी में लकड़ी का कोयला प्रवाहित करें।
- मूली का दान करें।
- काले कुत्तें को मीठी रोटियां खिलाएं।
- अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में डाले।
- जमादार को तम्बाकू का दान करना चाहिए।
- शनिवार के दिन अपना उपयोग किया हुआ कंबल दान करें।
- शिवजी पर जल, धतूरा के बीज चढ़ाएं और सोमवार का व्रत करें।
- अपने आप सफेद चंदन अवश्य रखें। सफेद चंदन को माला भी धारण कर सकते हैं। प्रतिदिन सुबह चंदन का टीका भी लगाना चाहिए। नहाने के पानी में चंदन का इत्र डालकर नहाएं।
- अपन पास ठोस चांदी से बना हुआ चकौर टुकड़ा रखें।
- हर बुधवार को चार सौ ग्राम धनिया पानी में में प्रवाहित करें।
- एक नारियल और 11 बादाम (साबुत) काले वस्त्र में बांधकर जल में प्रवाहित करें।
- राहु की शुभता के लिए राहु मंत्र का जाप करें- ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। मंत्रों की संख्या 18000 होनी चाहिए।
- किसी आश्रम में जाकर कोढि़यों की सेवा करें।
- किसी जरूरतमंद को चावल का भोजन कराएं।