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आईआईपीए और लखनऊ विश्वविद्यालय ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने पर एक कार्यशाला का आयोजन किया

लखनऊ। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) ने लखनऊ विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग के सहयोग से आज सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक कार्यशाला का आयोजन किया। यह आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग में हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत आईआईपीए के चेयरपर्सन आर रामानी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का उद्घाटन करने से हुई, जो सतत विकास की दिशा में ज्ञानवर्धक यात्रा का प्रतीक है।

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आईआईपीए के सचिव रवींद्र नाइक ने उपस्थित लोगों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए, कार्यशाला की थीम का परिचय देकर और इसके महत्व पर जोर देकर सत्र 1 की शुरुआत की। इसके बाद, आईआईपीए के अध्यक्ष श्री आर. रमानी ने आईआईपीए के मिशन, कार्यशाला के फोकस और व्यापक विषय पर प्रकाश डालते हुए एक भाषण दिया।

लखनऊ विश्वविद्यालय में लोक प्रशासन विभाग के प्रमुख डॉ. नंद लाल भारती ने सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों (एमडीजी) और एसडीजी पर अंतर्दृष्टि प्रदान की, इन उद्देश्यों को प्राप्त करने में सरकार और व्यक्तियों दोनों की भूमिकाओं पर प्रकाश डाला।

आईआईपीए और लखनऊ विश्वविद्यालय ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने पर एक कार्यशाला का आयोजन किया

राजीव शर्मा ने कार्यशाला के व्यावहारिक पहलू पर प्रकाश डाला और चर्चा की कि कैसे सेमिनार और कार्यशालाएं सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक अनुप्रयोगों में बदल देती हैं। सामाजिक नीति विशेषज्ञ, पीयूष एंटनी (यूनिसेफ़) ने सतत विकास लक्ष्यों की एक दार्शनिक समझ की पेशकश की, जिसमें 17 लक्ष्यों को 5 पी में सारांशित किया गया: लोग, शांति, ग्रह, समृद्धि और साझेदारी, साथ ही इस संबंध में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला।

सतत विकास लक्ष्यों पर मुख्य भाषण आलोक कुमार (प्रमुख सचिव, नियोजन) द्वारा दिया गया, उन्होंने सभी सतत विकास लक्ष्यों की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया। कार्यशाला के सत्र 2 के दौरान आरएमपी पीजी कॉलेज, सीतापुर में अर्थशास्त्र की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अर्चना ने भारतीय सतत आर्थिक विकास में उत्तर प्रदेश के योगदान पर चर्चा की।

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कार्यशाला ने प्रतिनिधियों को सतत विकास वृद्धि पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान किया। डॉ पद्मा अय्यर ने इसमें शामिल सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हुए और महत्वाकांक्षी सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक सामूहिक प्रयास पर जोर देते हुए सत्र का समापन किया। इस कार्यशाला मे 50 से अधिक लोगो ने भागीदारी दर्ज़ की।

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