महिला विद्यालय अमीनाबाद के हॉस्टल के लिये भी खतरे की घंटी
लखनऊ। शहर में तेजी के साथ बढ़ती अवैध झुग्गी झोपडिय़ां अब न सिर्फ धीरे-धीरे पक्के निर्माण में बदलती जा रही है, बल्कि यहां रहने वालों को बिजली, पानी और शौचालय आदि आम जरूरतों से जुड़ी सुविधायें मिल रही है। जब यह मामला शहर के बीचो बीच मे हो तो यह और गम्भीर हो जाता है, हम बात कर रहे है शहर के सबसे व्यस्त रहने वाले अमीनाबाद क्षेत्र स्थित नियामत उल्ला रोड की, जहां वर्षों से बनी झुग्गी-झोपडिय़ां न सिर्फ एक-एक करके पक्के निर्माण में बदलती जा रही है। बल्कि महिला विद्यालय की बाउण्ड्रीवाल से लगे होने के कारण विद्यालय में बने हॉस्टल की सुरक्षा के लिये सबसे बड़ा खतरा भी बनती जा रही है।
यहां उच्च प्राथमिक विद्यालय और कूड़ा घर के इर्द-गिर्द बनी दो दर्जन के आसपास झुग्गी झोपडिय़ों में रहने वालों ने सड़क पर जल कनेक्षन करवाने के साथ एक षौचालय का निर्माण करवा रखा है। यानी इन अवैध झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों को सरकार के सम्बन्धित विभागों की छत्रछाया में पूरी सुविधा के साथ रह रहे है।
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बताया जा रहा है कि कुछ वर्श पहले बिजली विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध रूप से बिजली सप्लाई की जा रही थी, हालांकि अब हर घरों पर मीटर लगा दिये गये है, लेकिन सवाल उठता है अवैध झुग्गी झोपड़ियों में बिजली कनेक्शन किस आधार पर दिये गये है।
यही नहीं इन अवैध झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले रात में अपने-अपने ई-रिक्शा को चार्ज करते है, अर्थात कई लोगों ने अपने ई-रिक्षा भी खरीद रखे है, और कुछ ने तो मीट की दुकानें भी खुलवा रखी है। इसी तरह आम सड़क पर जल कनेक्शन और षौचालय का निर्माण कैसे हो गया, जो सम्बन्धित विभागों पर प्रष्नचिन्ह लगा रहा है।
आमतौर पर किसी भवन के नवनिर्माण शुरू होते पुलिस, नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण, जल संस्थान और बिजली विभाग के कर्मचारी नियम कानून और षिकायत होने का हवाला देकर पहुचने वालों की आंखों पर इन अवैध झुग्गी झोपड़ियों के हो रहे पक्के निर्माण को लेकर पट्टी क्यों बंध जाती है। कुल मिलाकर इन अवैध झुग्गी झोपड़ियों को हटाकर यहां रहने वालों को कही और विस्थापित नहीं किया गया है तो आने वाले समय क्षेत्र के लिये एक नई परेशानी का कारण बन सकती है।