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मोदी की आदि कैलाश यात्रा का महत्व

यह सन्योग था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र जब आदि कैलाश के दर्शन करने गए थे, लगभग उसी समय भारत और चीन की बैठक में शांति बनाये रखने पर सहमति हुई। नरेंद्र मोदी ने जिस स्थान पर ध्यान लगाया वह चीन सीमा से मात्र बीस किमी दूर है।

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दूसरी तरफ भारत और चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की 20वें दौर की बातचीत हुई। यह मीटिंग लद्दाख सेक्टर के चुशुल-मोल्दो के पास हुई। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, इस मीटिंग में भारत-चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल सहित अन्य मसलों पर बातचीत हुई। भारत के सैन्य अधिकारी ने चीन पर लद्दाख के देपसांग और डेमचोक से अपनी सेना हटाने का दबाव डाला। भारत और चीन ने बॉर्डर इलाकों में जमीनी स्तर पर शांति बनाए रखने पर सहमति जताई है।

मोदी की आदि कैलाश यात्रा का महत्व

नरेंद्र मोदी ने आदि कैलाश के दर्शन किए। पार्वती ताल में बैठकर ध्यान लगाया। जिसके बाद वह गूंंजी गांव पहुंचे। उन्होंने ने पारंपरिक लोक वाद्ययंत्र बजाया। स्थानीय कलाकारों, भारतीय सेना, आईटीबीपी और बीआरओ कर्मियों के साथ बातचीत की। तीनों समूहों के सैनिकों से मुलाकात की।

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मंदिर में शंख और डमरू बजाकर भगवान शिव की आराधना की। मोदी अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम पहुंचे। वहां पूजा-अर्चना की। पिथौरागढ़ में जनसभा को संबोधित किया। 4200 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकर्पण किया।

रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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