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एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा के 12 सुझावों को अमल में लाने के लिए सूचना आयोग ने शुरू की कार्यवाही, विशाखा कमेटी भी बनाई

लखनऊ। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के सुशासन का असर उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग की कार्यप्रणाली में साफ साफ दिखाई दे रहा है. एक तरफ जहाँ अखिलेश के कार्यकाल में सूबे के आरटीआई एक्टिविस्टों को मुलायम समधी तत्कालीन सूचना आयुक्त अरविन्द सिंह बिष्ट द्वारा मारा-पीटा जा रहा था और सूबे के आरटीआई एक्टिविस्टों द्वारा राजधानी की नामचीन समाजसेविका उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में सूचना आयोग के मुख्य द्वार पर मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी समेत सभी सूचना आयुक्तों का पुतला दहन किया जा रहा था. वहीं योगी के समय में यूपी सूचना आयोग ने एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा द्वारा आयोग को दिए गए सभी 12 सुझावों को अमल में लाने के लिए 1 महीने से भी कम समय में कार्यवाही शुरू कर दी है. यही नहीं, उर्वशी के सुझाव के बाद आयोग ने महिलाओं के उत्पीडन की जांचों के लिए आतंरिक परिवाद समिति यानि कि विशाखा कमेटी भी बना दी है.

उर्वशी शर्मा

बताते चलें कि देश के नामचीन आरटीआई एक्टिविस्टों में शुमार होने वाली लखनऊ निवासी उर्वशी शर्मा ने बीती 15 फरवरी को यूपी के मुख्य सूचना आयुक्त भावेश कुमार सिंह, सूचना आयोग के सचिव जगदीश प्रसाद और सूचना आयोग के रजिस्ट्रार को एक 12 सूत्रीय मांग पत्र भेजा था. उर्वशी ने यह मांग पत्र सूबे के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी के साथ-साथ आरटीआई के नोडल विभाग प्रशासनिक सुधार के प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार को भी भेजा था जहाँ से उर्वशी का मांग पत्र कार्यवाही के लिए सूचना आयोग को भेज दिया गया था.

सूचना आयोग के उप सचिव तेजस्कर पाण्डेय ने बीती 5 जुलाई को उर्वशी को पत्र भेजकर बताया है कि उर्वशी के मांग पत्र पर बीती 11 मार्च को आदेश पारित कर दिया गया था. तेजस्कर ने उर्वशी को बताया है कि उनकी मांग के अनुरूप आयोग में विशाखा मामले में उच्चतम न्यायालय के द्वारा प्रदत्त दिशा – निर्देशों के अंतर्गत आतंरिक परिवाद समिति गठित की जा चुकी है. तेजस्कर ने उर्वशी को यह भी बताया है कि उनके द्वारा मांग-पत्र में उठाये गए अन्य बिंदु आयोग के सामान्य प्रशासन से सम्बंधित हैं, जिन पर आयोग में उपलब्ध संसाधनों एवं अधिनियम में उल्लिखित व्यवस्था के अनुसार उचित कार्यवाही प्रचलित है.

बकौल उर्वशी, बहुत समय बाद यह पहला मौका है जब सूबे में आरटीआई एक्टिविस्टों के मांग पत्र पर 1 महीने से भी कम समय में कार्यवाही शुरू कर दी गई है. अपनी सभी मांगें माने जाने से उत्साहित उर्वशी ने मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार, यूपी के मुख्य सूचना आयुक्त भावेश कुमार सिंह, सूचना आयोग के सचिव और सूचना रजिस्ट्रार को सार्वजनिक धन्यवाद ज्ञापित किया है. उर्वशी ने उम्मीद जताई है कि सूचना आयोग द्वारा जल्द ही उनकी सभी मांगों पर कार्यवाही पूर्ण कर ली जायेगी.

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