Breaking News

सदन में अधीर रंजन ने वित्त मंत्री पर लगाया पक्षपात का आरोप, वित्त मंत्री ने दिया यह जवाब

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के बीच सोमवार को संसद में बहस दिखी। यह बहस गैर-भाजपा राज्य सरकारों के उन आरोपों को लेकर बहस हुई जिनमें वे कह रहे हैं कि राज्य अपने वित्तीय बकाये और आवंटन से वंचित हैं। इस बकाये में जीएसटी मुआवजे से संबंधित मामले भी शामिल हैं।

नाराज सीतारमण ने अधीर रंजन चौधरी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, “राज्यों को हस्तांतरण… वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार होता है, और कर राजस्व के आवंटन में उनके पास कोई “अधिकार” नहीं है।” उन्होंने आरोपों को निहित स्वार्थ समूहों की ओर से फैलाई जा रही ‘राजनीतिक रूप से दूषित कथा’ करार दिया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने सीतारमण और सत्तारूढ़ भाजपा पर विपक्षी शासित राज्यों के प्रति “मनमाना” और “भेदभाव” वाला रवैया अपनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, ”ताजा उदाहरण कर्नाटक है… जहां पूरा मंत्रालय आपके प्रशासन के अंधाधुंध रवैये के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। कुछ महीने पहले तक सब कुछ अच्छा चल रहा था। लेकिन नई सरकार के आने के बाद से समस्या शुरू हो गई है।”

चौधरी पिछले हफ्ते कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की टिप्पणियों का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उनहोंने “राज्य के साथ सौतेला व्यवहार किए जाने की बात कही थी। कर्नाटक विधानसभा का चुनाव कांग्रेस ने मई 2023 के चुनाव में जीता था। 2024 के अंतरिम बजट के बाद कर्नाट के मुख्यमंत्री ने उपरोक्त टिप्पणी की थी। मुख्यमंत्री और उनके डिप्टी डीके शिवकुमार ने सीतारमण की ओर से आवंटन की कमी करने और 15वें वित्त आयोग के तहत 11,000 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व नुकसान का आरोप लगाया था। इस मामले में कर्नाटक के नेता बुधवार को दिल्ली में भी विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं।

वित्त मंत्री ने जीएसटी और इसके तीन प्राथमिक घटकों- एसजीएसटी, या राज्य माल और सेवा कर; IGST, या एकीकृत माल और सेवा कर (माल और/या सेवाओं की अंतरराज्यीय आपूर्ति पर लगाया गया); और सीजीएसटी, या केंद्रीय माल और सेवा कर पर विस्तृत जानकारी देते हुए अपनी बात की शुरुआत की।
उन्होंने कहा, “… एसजीएसटी 100 प्रतिशत राज्यों को जाता है… यह स्वचालित प्रावधान है। आईजीएसटी में अंतरराज्यीय भुगतान शामिल है। समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाती है। उन्होंने सदन में बताया सीजीएसटी का विभाजन वित्त आयोग के अनुसार किया जाता है।

वित्त मंत्री ने कहा, “मैं विनम्रतापूर्वक करना चाहती हूं … तो अधीरजी कृपया समझें… मुझे अपनी मर्जी से आवंटन में बदलाव करने का अधिकार नहीं है। मैं किसी राज्य (सरकार) को पसंद करती हूं या कोई दूसरा मेरी पार्टी की राजनीति के खिलाफ है, उसके साथ पक्षपात हो, ऐसी धारणा बिल्कुल नहीं है।” सीतारमण ने जोर देकर कहा कि इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘मुझे 100 फीसदी (वित्त आयोग की सिफारिशों) का पालन करना होता है और यही काम हर वित्त मंत्री करता है। जब कोई सिफारिश की जाती है, तो यह बिना किसी डर या पक्षपात के किया जाता है। “तो यह आशंका … कि कुछ राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है … यह एक राजनीतिक रूप से दूषित कथा है, मुझे यह कहते हुए खेद है कि निहित स्वार्थ के साथ ऐसी बात कर लोग खुश हैं।

वित्त मंत्री ने उसके बाद कांग्रेस नेता के “हंकी डोरी” टिप्पणी की आलोचना की। वित्त मंत्री ने कहा, “अधीरजी कह रहे हैं कि छह महीने पहले तक सब कुछ ‘हंकी डोरी’ (बढ़िया) था। अगर ऐसा था तो क्या गलत हुआ? क्या आपने उन चीजों पर खर्च करना शुरू कर दिया है जिन्हें आपको खर्च नहीं करना चाहिए? मैं इस पर प्रश्न नहीं उठा रहीं हूं। लेकिन आपने ऐसे खर्चे किए हैं, इसलिए दोष केंद्र पर न डालें, क्योंकि यह नियमों के अनुसार होता है।

वित्त मंत्री सीतारमण में सदन में चौधरी की ओर से किए जा रहे व्यवधान के बाद अपना पक्ष रखा। कांग्रेस नेता से कड़े लहजे में कहा, “अगर वित्त आयोग मुझे करने के लिए नहीं कहता है तो मैं कुछ नहीं कर सकती … अधीरजी, कृपया यह मत सोचिए कि मेरे पास कोई दुराग्रह है।” उन्होंने कहा, “कृपया वित्त आयोग से बात करें…।”

About News Desk (P)

Check Also

लंदन की टिफिन सर्विस में दिखी मुंबई के डब्बेवालों जैसी व्यवस्था, आनंद महिंद्रा ने साझा किया वीडियो

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में डब्बावाला काफी मशहूर है। लंबे समय से मुंबई के विभिन्न ...