पिछले दो मैचों में दबदबा बनाने में सफल रहा भारत गुरुवार से शुरू हो रहे चौथे और अंतिम टेस्ट में एक बार फिर जीतने के लिए उतरेगा. स्पिनरों के लिए अनुकूल पिच पर इंग्लैंड के खिलाफ कोई रहम नहीं दिखाने के खयाल से भारतीय टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में क्वालीफाई करके के लक्ष्य के साथ उतरेगा. भारतीय टीम श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रही और अगर विराट कोहली की टीम अंतिम टेस्ट ड्रॉ भी करा लेती है तो जून में लार्ड्स में होने वाले फाइनल में जगह बना लेगी जहां उसका सामना न्यूजीलैंड से होगा.
इंग्लैंड की टीम फाइनल की दौड़ से बाहर हो गई है लेकिन अगर अंतिम टेस्ट में जीत दर्ज करती है तो फिर भारत को भी खिताबी मुकाबले से बाहर कर देगी और टिम पेन की अगुआई वाली आस्ट्रेलिया की टीम को इस मुकाबले में खेलने का मौका मिलेगा. मैच सुबह नौ बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा.
मैच के दौरान कोहली का रवैया आक्रामक रहेगा
इस तरह के मैच में ड्रॉ हमेशा सुरक्षित विकल्प होता है लेकिन आक्रामक रवैया अपनाने वाले कोहली और कोच रवि शास्त्री रक्षात्मक रवैया नहीं अपनाना चाहेंगे क्योंकि ऐसा करना कभी कभी भारी भी पड़ जाता है. मोटेरा की नई पिच पर तीसरे टेस्ट के दौरान गुलाबी गेंद के सामने मेहमान टीम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और भारत ने सिर्फ दो दिन के अंदर 10 विकेट से जीत दर्ज की.
बायें हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल की सीधी गेंदों का सामना करने में इंग्लैंड के बल्लेबाजों को काफी परेशानी हुई क्योंकि वे शुरुआत से ही गेंद के टर्न होने की उम्मीद कर रहे थे. चेन्नई में दूसरे टेस्ट से ही यह रणनीति मेजबान टीम के लिए सफल रही है.
भारतीय उप कप्तान अजिंक्य रहाणे और इंग्लैंड के बल्लेबाज जैक क्रॉले दोनों का मानना है कि चौथे टेस्ट की पिछले पिछले दो मैचों के ‘समान’ लग रही है लेकिन गुलाबी गेंद की तुलना में लाल गेंद पिच पर गिरने के बाद उतनी अधिक तेजी से नहीं आती जिससे दोनों टीमों के बीच मुकाबला कड़ा देखने को मिल सकता है.
भारत के लिए मुकाबला अहम
इंग्लैंड की टीम के लिए इस मैच में अधिक कुछ दांव पर नहीं लगा है. टीम इस मैच में जीत के साथ श्रृंखला ड्रॉ कराके अपनी प्रतिष्ठा बचाना चाहेगी लेकिन भारत के लिए काफी कुछ दांव पर लगा है.
आंकड़ों के हिसाब से भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान होने के बावजूद कोहली ने स्वीकार किया है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की प्रतियोगिताओं के संदर्भ में अपने पूर्ववर्ती महेंद्र सिंह धोनी जैसी सफलता नहीं मिली है.
अक्षर और रविचंद्रन अश्विन ने श्रृंखला में मिलकर अब तक 42 विकेट चटकाए हैं और कोहली उनके विकेटों के आंकड़ों में और इजाफा होता देखना चाहेंगे. भारतीय स्पिनरों ने पहले तीन टेस्ट में इंग्लैंड के 60 में से 49 विकेट चटकाए हैं और लोगों को पता है कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम में अंतिम टेस्ट में वे क्या उम्मीद कर सकते हैं.
उम्मीदों के मुताबिक नहीं हुआ प्रदर्शन
कोहली को स्पिनरों के साथ कोई शिकायत नहीं है जिन्होंने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया है. उन्हें हालांकि बल्लेबाजों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी. भारतीय बल्लेबाज अब तक श्रृंखला में दबदबा बनाने में नाकाम रहे हैं और उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए.
रोहित शर्मा ने श्रृंखला में अब तक 296 रन बनाए हैं जो दूसरे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज अश्विन के 176 रन के आंकड़े से 120 रन अधिक हैं. अश्विन ने चेपक की मुश्किल पिच पर शतक जड़ा था. रोहित के अलावा भारत का कोई बल्लेबाज अब तक स्पिन की अनुकूल पिचों पर आत्मविश्वास के साथ नहीं खेल पाया है.
भारतीय टीम अंतिम मैच में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के बिना उतरेगी और ऐसे में उमेश यादव की अंतिम एकादश में वापसी हो सकती है. ये देखना होगा कि उनके जोड़ीदार इशांत शर्मा होंगे या मोहम्मद सिराज.
रूट ने तीसरे टेस्ट में किया करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
इंग्लैंड की लचर बल्लेबाजी में खराब टीम चयन का भी हाथ रहा है. कप्तान जो रूट (333 रन) ने पहले टेस्ट में दोहरा शतक जड़ा लेकिन उनके और दूसरे सर्वोच्च स्कोर बने स्टोक्स (146) के बीच 187 रन का अंतर है. रूट ने तीसरे टेस्ट में गेंदबाजी में भी करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए आठ रन देकर पांच विकेट चटकाए थे. टीम अंतिम टेस्ट में दो विशेषज्ञ स्पिनरों के साथ उतर सकती है.
बायें हाथ के स्पिनर जैक लीच (16 विकेट) ने प्रभावित किया है लेकिन उनकी अपनी सीमाएं हैं और वह अक्षर की तुलना में औसत 10 किमी प्रतिघंटा कम की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं. एक बार फिर स्पिन की अनुकूल पिच की संभावना को देखते हुए उन्हें डॉम बेस का साथ मिल सकता है. बेस ने चेन्नई में पहले टेस्ट में प्रभावित किया था लेकिन इसके बाद उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला.
संभावित टीमें इस प्रकार हैं:
भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, ऋषभ पंत, वाशिंगटन सुंदर, रविचंद्रन अश्विन, अक्षर पटेल, इशांत शर्मा, उमेश यादव, मोहम्मद सिराज, रिद्धिमान साहा, मयंक अग्रवाल, हार्दिक पंड्या, कुलदीप यादव और लोकेश राहुल.
इंग्लैंड: जो रूट (कप्तान), जेम्स एंडरसन, जोफ्रा आर्चर, जॉनी बेयरस्टो, डोमिनिक बेस, स्टुअर्ट ब्रॉड, रोरी बर्न्स, जैक क्रॉली, बेन फोक्स, डैन लॉरेंस, जैक लीच, ओली पोप, डोम सिबली, बेन स्टोक्स, ओली स्टोन, क्रिस वोक्स और मार्क वुड.