बांग्लादेश की आर्थिक नगरी चिटगांव में भारत एक खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला स्थापित करने जा रहा है। भारत के इस कदम से एक तरफ जहां खाद्य उत्पादों का आयात और निर्यात करने वाले दोनों देशों के व्यापारियों को काफी सहूलियतें होंगी। वहीं दूसरी तरफ भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय व्यापारिक समझौते को मजबूती मिलेगी।
भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी ने चिटगांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के कार्यक्रम में रखा प्रस्ताव
बांग्लादेश स्थित भारतीय दूतावास से मिली जानकारी के अनुसार चिटगांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बौतर मुख्य अतिथि शामिल हुए भारतीय उच्चयुक्त विक्रम दुरईस्वामी ने यह प्रस्ताव रखा। लैब स्थापित करने के बाद, दोनों देश एक-दूसरे को खाद्य सुरक्षा प्रमाणपत्र भी जारी करेंगे।
इस पहल से भारत के मानक के खाद्य पदार्थ बांग्लादेश में उपलब्ध हो सकेंगे
इस संबंध में विक्रम दुरईस्वामी ने कहा ”भारत ने एक द्विपक्षीय समझौते के माध्यम से बांग्लादेश में एक खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है, जो खाद्य उत्पादों के आयात और निर्यात में व्यापारियों की पीड़ा को कम करेगा। प्रयोगशाला स्थापित होने से बांग्लादेशी व्यापारियों के पास गुणवत्ता सुनिश्चित करने के बाद भारतीय बाजार में खाद्य पदार्थ निर्यात करने का एक अवसर प्राप्त होगा।”
बता दें कि दक्षिण एशिया के ज्यादातर पड़ोसी देश खाद्य सुरक्षा के लिये भारत से आयात पर निर्भर हैं और जरूरी सामान यहां से आयात करते हैं। इस पहल से भारत के मानक के खाद्य पदार्थ बांग्लादेश में भी उपलब्ध हो सकेंगे। इस समय भारत, बांग्लादेश को 332.4 मिलियन डॉलर मूल्यभ के खाद्य और पेय पदार्थ निर्यात करता है।
क्या है खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला: खाद्य सुरक्षा प्रयगोशाला के माध्यम से वैज्ञानिक विधि से खाद्य पदार्थों की जांच की जाती है। इससे मिलावटखोरी पर लगाम लगने के साथ ही गुणवत्तापूर्ण एवं स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो पाते हैं।
शाश्वत तिवारी