क्रिकेट जगत में डोप के मामले कम ही सुनने को मिलते हैं. पिछले साल पृथ्वी शॉ डोप टेस्ट में फेल हो गए थे और अब खबर आ रही है भारतीय महिला क्रिकेटर को डोप टेस्ट में फेल होने के बाद निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवा ली थी. पिछले साल ही क्रिकेट नाडा के अधिकार क्षेत्र में आया और तब से यह पहला मामला है कि कोई क्रिकेटर पॉजिटिव पाया गया.
यह क्रिकेटर मध्यप्रदेश टीम की ऑलराउंडर हैं और घरेलू क्रिकेट में अपनी टीम का प्रतिनिधित्व किया. उन्हें इस साल मार्च में टूर्नामेंट से बाहर भी कर दिया गया था. जब से वर्ल्ड एंटी डोपिंग बॉडी ने भारत की नेशनल डोप टेस्टिंग लैब को निलंबित किया है, तब से नाडा खिलाड़ियों के यूरिन सैंपल को दोहा में टेस्टिंग लैब में भेज रही है.
नमूने के विश्लेषण में अनाबोलिक स्टेरॉयड N19 -नोरैंड्रोस्टेरोन की मौजूदगी की पुष्टि हुई है. जो आमतौर पर उपयोग की जाने वाली दवा नैंड्रोलोन की मेटाबोलाइट है. ब्रिटिश जनरल ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार 19-नोरैंड्रोस्टेरोन अपने प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए एथलीटों की चार सबसे अधिक प्रशासित दवाओं में से एक है.
बाकी की तीन दवाएं टेस्टोस्टेरोन, स्टेनोज़ोल और मेथेडिएनो है. नांद्रोलोन का उपयोग एथलीटों मांसपेशियों की वृद्धि और शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ रिकवरी में तेजी लाने के लिए करते हैं. यह क्रिकेटर दाएं हाथ की मध्यम गति की गेंदबाज और दाएं हाथ की बल्लेबाज है. बीसीसीआई अंडर 23 ट्रॉफी में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी है.