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JNU कैंपस हिंसा से उठा पर्दा, पुलिस ने जेएनयूएसयू प्रेजिडेंट आइशी घोष समेत 10 छात्रों के गिनाए नाम

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी कैंपस में हुई हिंसा के मामले में आज दिल्ली पुलिस ने प्रैस कांफ्रेंस की। प्रैस कांफ्रेंस में एसआईटी के हेड जॉय तिर्की ने बताया कि हिंसा में शामिल 10 छात्रों की पहचान कर ली गई है। जिन दस लोगों की पहचान हुई है उनमें जेएनयूएसयू प्रेजिडेंट आइशी घोष भी शामिल हैं। चिह्नित छात्रों को अभी हिरासत में नहीं लिया गया है। इन स्टूडेंट्स को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। जिनकी पहचान हुई है उनमें चुनचुन कुमार, (पूर्व छात्र कैंपस में रहता है), पंकज मिश्रा, आइशी घोष, पंकज कुमार, वास्कर विजय, सुजेता ताल्लुकदार, प्रिया रंजन, डोलन सावंत, योगेंद्र भारद्वाज व विकास पटेल शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि चुनचुन कुमार पत्थर फेंक रहे थे। पंकज मिश्र भी पत्थर फेंक रहे थे।

चार जनवरी को जेएनयू सर्वर को नुकसान पहुंचाया गया। 5 जनवरी के दिन साबरमती हॉस्टल और पेरियार हॉस्टल के बीच में एक जगह पर पीस मीटिंग हो रही थी और अचानक से नकाबपोश लोग आ गए और मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद इन लोगों ने घुस-घुसकर एक-एक कमरे में छात्रों को मारा। उन्हें सभी रास्ते मालूम थे।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि विवाद के केंद्र में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन था जिसका लेफ्ट से जुड़े छात्र विरोध कर रहे थे। पुलिस ने 1 जनवरी से 5 जनवरी के बीच रजिस्ट्रेशन रोकने के लिए सर्वर को नुकसान पहुंचाने से लेकर पेरियार और साबरमती हॉस्टल में हुई हिंसा तक की घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा भी दिया।

तस्वीर जारी होने के बाद छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि मुझे कानून-व्यवस्था पर पूरा भरोसा है कि जांच निष्पक्ष होगी, मुझे न्याय मिलेगा, लेकिन दिल्ली पुलिस पक्षपात क्यों कर रही है? मेरी शिकायत एफआईआर के रूप में दर्ज नहीं की गई है, मैंने कोई मारपीट नहीं की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस अपनी जांच कर सकती है, मेरे पास यह दिखाने के लिए सबूत भी हैं कि मुझ पर कैसे हमला किया गया।

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